पलामू। मानवता और इंसानियत की राह पर चलना सिखाता है मुहर्रम। अधर्म और बुराइयों के आगे सिर न झुके यह पैगाम देता है मोहर्रम। यह बातें पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कही। वह बुधवार को जिले के चैनपुर प्रखंड के नेउरा में दसवीं मुहर्रम के जुलूस को संबोधित कर रहे थे।
त्रिपाठी ने कहा कि हजरत अली के दोनों लाल इमाम हसन, इमाम हुसैन, धर्म की रक्षा के खातिर अपने प्राणों का बलिदान देना उचित समझा लेकिन अधार्मिक कातिल यजीद के सामने सिर झुकाया नहीं। मोहर्रम की त्योहार हमें यही सीख देती है कि जीवन में चाहे लाख कठिनाइयां आएं लेकिन हमेशा सत्य के मार्ग पर चलें तो निश्चित तौर पर ईश्वर अल्लाह आपके लिए अच्छा करेंगे।
चैनपुर मुख्य चौक पर मुहर्रम इंतजामिया कमेटी की ओर से चैनपुर रामनवमी कमिटी के अध्यक्ष और सदस्यों को पगड़ी पोशी कर हिंदू-मुस्लिम एकता बनाए रखने का संकल्प लिया। मौके पर चैनपुर के मुहर्रम इंतेजामिया में कमिटी के जेनरल खलीफा आमिर अफजल खान एवं चैनपुर रामनवमी के जेनरल अध्यक्ष चंदू गुप्ता ने एक दूसरे को पगड़ीपोशी कर माल्यार्पण कर सम्मानित किया। अतिथि के रूप में मौजूद मेदिनीनगर नगर निगम की महापौर अरुणा शंकर, युवा समाजसेवी नेता दिलीप सिंह नामधारी को भी कमिटी ने सम्मानित किया।
विभिन्न कमिटियों ने पारंपरिक लाठी-डंडा और तलवार के साथ जुलूस निकाला। अपने-अपने क्षेत्र के मिलान पर एकत्रित होकर पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र के साथ प्रदर्शन किया। प्रखंड के शाहपुर, चैनपुर, नेउरा, चांदो, सेमरा, बंदुआ सहित विभिन्न जगहों पर जुलूस निकाला गया। जुलूस के दौरान अली, या हुसैन, या शहीदाने कर्बला के नारों से क्षेत्र गूंजता रहा।
उल्लेखनीय है कि मुस्लिम धर्म के अनुसार वर्ष का पहला महीना गम की चांद मुहर्रम माह से शुरुआत माना जाता है। मान्यता है कि इसी महीने में इमाम हसन, इमाम हुसैन, इस्लाम बचाने की खातिर शहीद हो गए थे। उन्हीं की याद में मोहर्रम का त्योहार मुस्लिम अकीकतमंद के द्वारा मनाया जाता है।
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