बलरामपुर/सनावल, अनिल गुप्ता। अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बलरामपुर स्थान -रामानुजगंज के मार्गदर्शन में पंचायत भवन सनावल में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त विधिक साक्षरता शिविर में मुख्य अतिथि के रुप में आशीष पाठक, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो कोर्ट) एवं मधुसूदन चंद्राकर, द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उपस्थित रहे। ग्राम सनावल के सरपंच, सचिव एवं ग्रामवासी उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ उपस्थित मंचस्थ अतिथिगणों को पुष्प गुच्छ प्रदान कर उनका स्वागत किया गया।
कानून का राज्य स्थापित करने के लिए कानूनी जानकारी जरुरी
उक्त विधिक साक्षरता शिविर में उपरोक्त शीर्षक पर अपने विचार व्यक्त करते हुए आशीष पाठक ने उपस्थित समस्त ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि, कानून अपने आप में एक समंदर है। सभी कानूनों को विस्तारपूर्वक जानना संभव नहीं है, किंतु कुछ मूलभूत कानूनों के बारे में आवश्यक रुप से अवगत होना चाहिए, इससे अपने आप के साथ-साथ समाज में भी जागरुकता आती है। हम कानून के मूलभूत जानकारी के आधार पर अपराध करने से बच सकते हैं। यह कानून हमारे लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है, बड़े अपराध व बड़े मुकदमे से बचा सकती है। समाज में जागरुकता का आभाव अपने अधिकारों की जानकारी न होना, यही शोषण का सबसे बड़ा कारण है। यदि कानून का राज्य स्थापित करना है तो प्रत्येक नागरिक को कानून की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है।
इसी क्रम में मधुसूदन चंद्राकर ने कहा कि आपको बताते चले कि लोकतन्त्रीय आस्थाओं, नागरिकों के अधिकारों व स्वतन्त्रओं की रक्षा करने और सभ्य समाज के निर्माण के लिए कानून का शासन बहुत जरूरी है, या यूं कहें कि इसका कोई अन्य विकल्प नहीं है। कानून का शासन का अर्थ है कि कानून के सामने सब समान होते हैं। यह सर्व विदित है कि कानून राजनीतिक शक्ति को निरंकुश बनने से रोकती है और समाज में सुव्यवस्था भी बनाए रखने में मदद करती है। जब आपको अपने कानून और भारतीय संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों के बारे में पता रहता है तब ही केवल आप इनका प्रयोग कर सकते हैं।