हजारीबाग। हजारीबाग में गुरुवार की रात दो बेहद शर्मनाक वाक्या हुआ। एक तो संत कोलंबा कालेज कू पास संयुक्त बिहार के पूर्व सीएम केबी सहाय की आदमकद प्रतिमा को खंडित कर दिया गया। प्रतिमा की गर्दन से सिर को तोड़कर नीचे गिरा दिया गया। वहीं पीडब्ल्यूडी चौक, अब सिदो-कान्हू चौक से सिदो-कान्हू प्रतिमा के हाथ में तने तीर-धनुष गायब हैं। शनिवार को जब सुबह लोगों की नजरें पड़ीं, तो चौतरफा प्रतिक्रिया आने लगी। सबने असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग उठाई और कहा कि यह बेहद खेदजनक और महापुरुषों के साथ बड़ा अपमान है।
यहां केबी सहाय पार्क में हर दिन मॉर्निंग वॉक को आनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता सह वर्ल्ड विजन न्यूज के कार्यकारी संपादक अखौरी ब्रजेश सहाय और उनके साथियों की इस पर नजर पड़ी, तो उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा की। साथ ही जिला, पुलिस व नगर निगम प्रशासन से अविलंब कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसमें राजनीतिक साजिश की बू से भी इनकार नहीं किया जा सकता। इसकी भी कड़ाई से जांच होनी चाहिए। अगर किसी को ईर्ष्या-द्वेष है, तो ऐसी घिनौनी राजनीति नहीं करनी चाहिए। केबी सहाय के नाम पर हजारीबागवासियों को गुमान होना चाहिए कि कोई तो यहां से मुख्यमंत्री बना। वैसे भी केबी सहाय की गिनती गिने-चुने उत्कृष्ट राजनीतिज्ञों में होती है। सिदो-कान्हू की प्रतिमा के साथ भी भद्दा मजाक किया गया है। दोनों कृत्य घोर निंदनीय है।
इधर समाजसेवी अभिषेक ने हजारीबाग के उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक से आग्रह है कि संत कोलंबा कॉलेज सामने केबी सहाय पार्क में वर्षों से स्थापित बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कृष्ण बल्लभ सहाय की मूर्ति को असमाजिक तत्वों ने खंडित कर दिया है। कुछ वर्ष पहले भी पार्क में केबी सहाय की प्रतिमा के चेहरे पर कालिख पोत दी गई थी। जिला व पुलिस प्रशासन से निवेदन किया गया है कि कृपया सघन जांच कर दोषियों को खोज कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की कृपा करें। पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिमा को पुनः स्थापित करवाने का दिशा-निर्देश देते हुए पार्क की साफ-सफाई एवं सुरक्षित रखने में मार्गदर्शन करने की मांग की गई है। पूर्व में नगर आयुक्त पद पर रहते हुए आईएएस अधिकारी माधवी मिश्रा ने सभी के आग्रह पर एनटीपीसी के सौजन्य से पार्क का जीर्णोद्धार कराया था। 31 दिसंबर 1986 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दूबे ने केबी सहाय की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया था।
भाजपा नेता डॉ अमरदीप यादव ने भी प्रतिमा खंडित करने की घटना की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि वर्तमान अधिकारियों से हमसभी स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि इस धरोहर को संजोकर बेहतर बनाने में मदद करेंगे।
महापुरुषों की प्रतिमाओं का विखंडन, घृणित और शर्मनाक कृत्य: मनीष जायसवाल
हजारीबाग में जिस तरह से महापुरुषों की प्रतिमाओं को निशाना बनाया जा रहा है, वह बेहद निंदनीय और शर्मनाक है। पहले पूर्व मुख्यमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी के.बी. सहाय की प्रतिमा को विखंडित करने की खबर आई और फ़िर वीर सिद्धू-कान्हू चौक पर स्थापित संथाल विद्रोह के महानायक वीर सिद्धू-कान्हू मुर्मू की प्रतिमा को भी खंडित कर दिया गया है।
इसपर भारी रोष जताते हुए हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने कहा कि यह कृत्य हजारीबाग के गौरव और शांति को भंग करने का एक ओछा प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पत्थर की प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि उन महान विभूतियों के प्रति अनादर है जिन्होंने हमारे समाज और देश के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। ऐसे कार्यों से हजारीबाग का सौहार्द बिगड़ता है और इसकी समृद्ध विरासत को ठेस पहुंचती है।
सांसद मनीष जायसवाल ने प्रशासन से पुरजोर मांग करते हैं कि इस कायराना हरकत के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें तत्काल चिह्नित किया जाए और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही विखंडित की गई प्रतिमाओं को अतिशीघ्र पुनर्स्थापित कर उन्हें सुदृढ़ किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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