रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को सातवीं बार समन भेजकर तलब किया है। ईडी ने उन्हें सात दिन के अंदर बयान दर्ज कराने को कहा है। साथ ही दो दिन के अंदर ऐसी जगह बताने को कहा है, जो उनके और एजेंसी के लिए उपयुक्त हो।
ईडी ने मुख्यमंत्री सोरेन को पहली बार इस साल 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके बाद 24 अगस्त, नौ सितंबर, 23 सितंबर, चार अक्टूबर और 12 दिसंबर को समन भेजकर पूछताछ के लिए रांची जोनल कार्यालय बुलाया था। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में ईडी ने कहा है कि बड़गाईं अचंल के राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप के मामले में दर्ज ईसीआईआर संख्या आरएनजेडओ/25/23 की जांच चल रही है। यह जांच सरकारी दस्तावेज में छेड़छाड़ और जालसाजी से संबंधित है। इसमें बयान दर्ज करने के लिए इससे पहले छह समन भेजे जा चुके हैं। आप एक बार भी ईडी कार्यालय में हाजिर नहीं हुए। इसके लिए आपने निराधार कारण बताए। इससे जांच में अड़चन आ रही है।
उल्लेखनीय है कि ईडी के समन को मुख्यमंत्री दुर्भावना और राजनीति से प्रेरित बताते हुए परेशान करने का आरोप लगाते रहे हैं। साथ ही समन वापस नहीं लेने पर कानूनी रास्ता अपनाने की बात कह चुके हैं। मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाई कोर्ट जाने की सलाह दी। वहां भी गए पर उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिली।
हाई कोर्ट से सोरेन को झटका मिलने के बाद ईडी ने उन्हें छठा समन भेजा। इस पर मुख्यमंत्री ने ईडी को पत्र लिखा। इसमें कहा गया कि वह अपनी और पारिवारिक सदस्यों की संपत्ति से संबंधित जानकारी पहले ही एजेंसी को दे चुके हैं। संपत्ति की खरीद वैध स्रोत से की गई है। आयकर विभाग इसे स्वीकार कर चुका है।इसलिए अगर ईडी को कोई और जानकारी चाहिए, तो वह उसका लिखित उल्लेख करे।
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