कोडरमा, अरुण सूद। कोलकाता में पीजी की डॉक्टर से दरिंदगी के विरोध में जिलेभर में डॉक्टर शनिवार को हड़ताल पर रहे। इसमें सरकारी और गैर सरकारी दोनों डॉक्टर शामिल रहे। इससे सरकारी अस्पताल के साथ निजी अस्पताल में इलाज कराने दूर-दराज से पहुंचे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
डॉक्टरों के हडताल में होने और इलाज नहीं होने से मरीज मायूस होकर वापस लौट गए। सबसे ज्यादा मरीज सदर हॉस्पिटल से लौटे। हालांकि, इससे निपटने के लिए इमर्जेंसी में दो डॉ धर्मेन्द्र कुमार और डॉ सुरेन्द्र कुमार प्रतिनियुक्त थे, जहां इमर्जेंसी के मरीजों का इलाज किया गया। मरीजों को सूचनार्थ सदर हॉस्पिटल के मुख्य द्वार पर डॉक्टर हडताल में हैं, का नोटिस चिपका हुआ था। गेट पर ही बतौर मजिस्ट्रेट जितेन्द्र कुमार जैसल और जवानों की प्रतिनियुक्ति की गयी थी।
ओपीडी बंद होने से परिसर की कुर्सियां खाली रही। इसके साथ मरीजों की भीड नहीं रहने से एक्स-रे, ब्लड जांच, अल्ट्रासाउंड समेत अन्य सेंटर खाली-खाली रहा। निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर के हडताल में रहने से नए मरीजों का इलाज नहीं हो सका। सदर हॉस्पिटल में इलाज कराने पहुंची ढोढाकोला की मरीज गुडिया देवी के परिजन ने कहा कि डॉक्टर हडताल पर हैं। इससे इलाज नहीं हो पाया जबकि असनाबाद निवासी मरीज रेणु कुमारी और प्रेमशीला देवी ने कहा कि ओपीडी में डॉक्टर नहीं बैठे हैं।
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