पूर्वी सिंहभूम। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक ने चाईबासा में ग्रामीणों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर हेमंत सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने मंगलवार को जमशेदपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि राज्य में आदिवासियों की सुरक्षा खतरे में है और सरकार उनकी आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। इसी घटना के विरोध में चंपाई सोरेन ने बुधवार को कोल्हान बंद का आह्वान किया है।
सोरेन ने कहा कि चाईबासा के तांबो चौक में ग्रामीण सिर्फ दिन में भारी वाहनों के लिए नो-एंट्री की मांग कर रहे थे ताकि सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लग सके, लेकिन सरकार ने उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को लाठी और आंसू गैस से कुचलने का काम किया। उन्होंने कहा कि यह घटना बताती है कि झारखंड में आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में है। भोगनाडीह, नगड़ी और गोड्डा जैसी घटनाओं के बाद अब चाईबासा का यह लाठीचार्ज सरकार की आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की महागठबंधन सरकार आदिवासियों और मूलवासियों को सबसे आसान निशाना बना रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि चाईबासा में गिरफ्तार ग्रामीणों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होगी। पुलिस उनका भी एनकाउंटर न कर दे।
उन्होंने कहा कि संथाल परगना को किसी अन्य धर्म या समुदाय का परगना नहीं बनने देंगे, हम सभी संथाल को बचाएंगे। चंपई सोरेन ने कहा कि आदिवासियों पर दमन की हर कोशिश के खिलाफ वे हमेशा खड़े रहेंगे और राज्य की जनता को अब अन्याय के खिलाफ एकजुट होना होगा।
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