रामानुजगंज, अनिल गुप्ता: एक ओर जहां लोक निर्माण विभाग संभाग रामानुजगंज के अंतर्गत करोड़ो रुपए की लागत से सड़क निर्माण का कार्य चल रहा हैं परंतु विभाग के अधिकारियों की ऐसी लापरवाही एवं अकर्मण्य रवैया है कि रामानुजगंज-वाड्रफनगर मुख्य मार्ग पर लुर्गी राइस मिल के समीप सड़क के किनारे जानलेवा गड्ढा विगत 3 माह से अधिक समय से है, परंतु सुध लेने वाले अधिकारी कान और आंख को अपने हाथों से बंद करके बैठे हुए है. विभाग के अधिकारी दो-तीन ट्रैक्टर मोरम तक उसमें डलवाना लाजमी नहीं समझते. अगर कोई इस गड्ढे से जान गवां ले तो क्या साहब इसका जिम्मेवारी लेंगे. यहां पर कई बार हादसा भी हो चुका है. फिर भी लापरवाही आखिर क्यों. ये गड्ढे आने वाले समय में बड़े हादसे को निमंत्रण दे रहे है,
गौरतलब है कि रामानुजगंज वाड्रफनगर रोड की स्थिति जर्जर हो गई है. कई जगह गड्ढे हो गए हैं. जिससे प्रतिदिन दुर्घटना को आमंत्रण दियाजा जा रहा है. मानो आपके इंतजार में साक्षात् यमराज बैठे हो. मान लीजिए आप घर से निकले और घर ही न पहुंचे तो इसका जिम्मेदारी कौन लेगा. प्रतिदिन दुर्घटनाएं करीब-करीब हो रही है परंतु वहीं लुर्गी राइस मिल के समीप डामरीकृत रोड पर बड़ा गड्ढा विगत 3 माह से अधिक समय से है कई बार लोक निर्माण विभाग के अधिकारी इस रास्ते से गए होंगे वहीँ उनकी नजर भी इस पर पड़ी होगी परंतु न जाने क्यों वह इस गड्ढे को भरवाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. जबकि इस गड्ढे से कई बार हादसा हो चुका है. वही रामानुजनगंज-वाड्रफनगर मार्ग में अन्य जगहों पर भी बड़े गड्ढे हैं जिन्हें तत्काल प्रभाव से ठीक करवाया जाना चाहिए, लुर्गी राइस मिल के पास इतना बड़ा गड्ढा है कि कोई भी आने जाने वाला उस गड्ढे को देखकर सिहर जाता है. यदि थोड़ी सी भी चूक होगी तो जान पर आ सकती है.
जिस गड्ढे को विभाग के द्वारा कुछ घंटों में दुरुस्त करा देना चाहिए था, वह 3 माह बाद भी दुरुस्त नहीं हो सका
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का जनहित कार्यों के प्रति व लुर्गी सड़क के किनारे हुए गड्ढे को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि जिस गड्ढे को विभाग को दिन नहीं कुछ घंटे में ठीक करवा देना चाहिए उसे ठीक करवाने में 3 माह से भी अधिक समय हो गए परंतु उस गड्ढे की सुध लेने की जहमत विभाग नहीं उठा पा रहा है. आखिर वह कौन सा काम है जिसमे साहब ज्यादा रूचि रख रही है. वह काम क्या लोगों की जान से ज्यादा मूल्यवान हो गई है. क्या विभाग के अधिकारियों को लोगों के जान की कीमत कुछ नहीं है.
प्रत्येक वर्ष करोड़ो रुपए सड़क के रखरखाव में होते हैं खर्च
लोक निर्माण विभाग के द्वारा प्रत्येक वर्ष पीडब्ल्यूडी सड़क के रखरखाव एवं मरम्मत में करोड़ों रुपए खर्च करने के लिए देती है. परंतु यह समझ में नहीं आता है कि जो गड्ढा भरवाना अत्यंत आवश्यक है उस गड्ढे को विभाग क्यों नहीं भरवा पा रही है. आखिर इसके पीछे कारण क्या है.
अन्य सड़कों की भी ऐसी ही दुर्दशा, सुध नहीं ले रहे अधिकारी
ऐसा नहीं है कि सिर्फ रामानुजगंज-वाड्रफनगर रोड की ऐसी स्थिति है, विभाग के अन्य सड़कों की भी इसी प्रकार दुर्दशा है. वातानुकूलित कार्यालय एवं एसी लगी हुई गाड़ियों में चलने वाले अधिकारी सड़कों को देखने तक की जहमत नहीं उठाते हैं. जबकि जर्जर सड़कों से कई बार हादसे होते हैं एवं कई बार लोगों की जान चली जाती है. परंतु अधिकारियों को इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता.
क्या हर बार उच्च अधिकारियों की फटकार के बाद ही खुलेगी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की नींद
कई बार लोक निर्माण विभाग के जर्जर सड़क एवं बड़े गड्ढे को तत्काल भरने को लेकर जिला कलेक्टर, कमिश्नर सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के द्वारा समय-समय पर निर्देशित किया जाता है एवं यहां तक कि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही पर फटकार लगाई जाती है. जिसके बाद शायद लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कहीं-कहीं फील्ड में नजर आते हैं. क्या हर बार गड्ढे भरवाने के लिए जनप्रतिनिधियों एवं उच्च अधिकारियों की फटकार की आवश्यकता है.
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