रांची, ऑफबीट संवाददाता : होली के बाद शुरू हुआ झारखंड विधानसभा का बजट सत्र कार्यवाही शुरू होने से दिन की समाप्ति तक नियोजन नीति और रोजगार को लेकर गरम होता रहा। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा के विधायकों ने सदन की सीढ़ियों पर नियोजन नीति को लेकर हंगामा किया। विधायकों ने 60:40 नाय चलतो के नारे लगाए। वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को असंवेदनशील बताते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की। दिन के 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के विधायकों ने नियोजन नीति को लेकर फिर हंगामा शुरू कर दिया। विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सरकार की नियोजन नीति रद्द होने के बाद उसे सदन पटल पर लाना था। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। यह सदन की अवमानना है। प्रश्नकाल के दौरान जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम ने भी नियोजन नीति को सदन में नहीं लाने पर आपत्ति जताते हुए इसे अमर्यादित व्यवहार बताया। वहीं आजसू विधायक सुदेश महतो ने पूछा कि नयी नियोजन नीति क्या है? सरकार स्पष्ट करे और यह भी बताए कि किन परिस्थितियों में नियोजन नीति बदला गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित की गयी।
मुख्यमंत्री से गतिरोध दूर कराने की रखी बात
जब फिर सदन की कार्यवाही शुरू हुई तब विधायक सीपी सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष से नियोजन नीति पर सदन में चल रहे गतिरोध को मुख्यमंत्री से भाषण दिला कर दूर करने की बात कही। इस बीच महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने गर्मी में पेयजल की समस्या को दूर करने की सरकार की क्या व्यवस्था है, इसपर सवाल पूछे। जिसका जवाब देते हुए पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि सरकार इसके लिए कृत संकल्पित है। हमारे पास पर्याप्त चापाकल हैं। इनकी संख्या देश के मानक से अधिक है। वहीं विधायक अमित मंडल ने बजट भाषण पर चर्चा करते हुए कहा कि सरकार जिस साल को नियुक्ति का वर्ष कह रही थी, वह हवा हो गई। अब इस साल को योजना कृयान्वयन का वर्ष कह रही है। अब यह भी हवा ही हो जाएगा। इसके सदन को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
नियोजन नीति में हम युवाओं के साथ: सुदिव्य कुमार
गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार ने नियोजन नीति पर अपनी बात रखते हुए कहा कि नियोजन नीति में हम युवाओं के साथ हैं। हमने 73 फीसदी युवाओं की राय को माना। अगर हमारी मंशा नौकरी नहीं देने की होती तो हम फिर कोर्ट की शरण में जाते। लेकिन ऐसा हमने नहीं किया। विपक्ष पर गहरा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष नियोजन नीति पर ट्वीटर स्ट्रोम चलवाती है। 60:40 नाय चलतो टैग के साथ चार लाख ट्वीट होने का दावा करती है। लेकिन इस ट्वीटर अभियान की हकीकत यह है कि 4 फीसदी ट्वीट ही झारखंड से हुए बाकि 96 फीसदी ट्वीट पैसे देकर दिल्ली, भोपाल, नागपुर जैसे शहरों से कराए गए। इस ट्वीटर अभियान को चलाने में भानु प्रताप शाही, अमर बाउरी और भानु प्रताप शाही के करीबी कोचिंग वाले हैं। इन्होंने खोरठा में ट्वीटर अभियान चलाया, लेकिन ये वो लोग हैं जिन्होंने विधानसभा में शपथ हिंदी में ली थी। उन्होंने इस बात जोर देते हुए कहा कि खतियान आधारित नियोजन नीति के लिए जेएमएम संघर्ष करने को तैयार है।
सरकारी स्कूलों को खिचड़ी स्कूल से जाना जाता है: सुदेश महतो
विधायक सुदेश महतो ने कहा कि नौकरी की बात छोड़िए इस सरकार ने शिक्षा की नींव ही बिगाड़ रखी है। स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं। सरकारी स्कूलों को खिचड़ी स्कूल से जाना जाता है। यहां से पढ़ कर निकले बच्चे किसी तरह ग्रेजुएशन कर भी लें तो उन्हें सरकार नौकरी नहीं दे पाती। ये युवा लौट कर घर जाते हैं तो उनसे खेती का काम नहीं हो पाएगा। यहां उनकी डिग्री आड़े हाथों आएगी। विधायक विनोद सिंह ने भी कहा कि सरकार जिस बजट भाषण से अपना पीठ थपथपा रही है, उसमें नियोजन की बात है ही नहीं।
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