आगरा। हरीपर्वत के घटिया इलाके में सिटी स्टेशन रोड पर गुरुवार की सुबह बेसमेंट की खोदाई के दौरान कई मकान ढह गए। हादसा धर्मशाला में निर्माण कार्य के दौरान हुआ। जिसमें एक ही परिवार के पांच लोग दब गए। चार लोगों को करीब आधा घंटे प्रयास के बाद बाहर निकाला गया। मलबे में दबी चार वर्षीय बालिका गिन्ना को एक घंटे से अधिक चले प्रयास के बाद बाहर निकाला जा सका। उसे एसएन इमरजेंसी लेकर गए। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
खोदाई के दौरान बराबर वाली तीन मंजिला जर्जर इमारत गिरी
घटना गुरुवार की सुबह करीब साढ़े सात बजे की है।सिटी स्टेशन रोड पर दुकानों के बीच में राय बहादुर विशंभर नाथ धर्मशाला है। वहां पर निर्माण कार्य चल रहा है। बस्ती के लोगों ने बताया कि धर्मशाला के सामने मुख्य रोड पर दस फीट गहरे बेसमेंट की खोदाई की जा रही थी। उसके पीछे ऊंचाई पर टीला माइथान है। बेसमेंट की खोदाई के चलते धर्मशाला के पीछे ऊंचाई पर बने मकान में रहने वालों ने इसका विरोध किया था। उन्हें अपने पुराने मकानों के गिरने की आशंका थी।
एक ही परिवार के पांच लोग दबे, चार को सकुशल निकाला
सुबह करीब साढ़े सात बजे धर्मशाला के पीछे बने कई मकान ढह गए। लोगों का कहना था कि बेसमेंट की खोदाई के चलते उनके मकानों की नींव दरक गई। जिसके चलते यह हादसा हुआ। मकानों के गिरने से मुकेश शर्मा के परिवार पांच लोग दब गए। जिसमें उनके पुत्र और चार वर्षीय नातिन शामिल थे। घटना से अफरातफरी मच गई। आसपास के घरों में रहने वाले लोग बाहर निकल आए। पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई।
चार वर्षीय बालिका को एक घंटे प्रयास के बाद बाहर निकाला, मौत
लोगों ने उनके साथ बचाव कार्य करके चार को सकुशल बाहर निकाल लिया। उन्हें अस्पताल भेज दिया। मगर, मुकेश की चार वर्षीय नातिन गिन्ना मलबे में दबी रह गई। उसे डेढ़ घंटे बाद बाहर निकाला। पुलिस उसे एसएन इमरजेंसी लेकर पहुंची। यहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बस्ती के लोगों ने कई बार शिकायत, किसी ने नहीं की सुनवाई
माईथान बस्ती के लोगों का कहना था कि उन्होंने धर्मशाला में निर्माण कार्य की शिकायत नगर निगम में की थी। बेसमेंट की खोदाई से उन्हें अपने मकान गिरने की आशंका थी। धर्मशाला के पीछे बने अधिकांश मकान 70 से 80 साल पुराने हैं। इसके बावजूद नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके चलते गुरुवार की सुबह हादसा हुआ। नगर निगम यदि समय रहते बेसमेंट की खोदाई का काम रोक दिया जाता तो हादसा नहीं होता।