दिल्ली : दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव में AAP को बहुमत मिलते दिख रहा है। चुनाव आयोग के मुताबिक, 250 सीटों में से AAP 60 सीटों पर आगे है और 75 जीत चुकी है। वहीं, BJP को 55 पर जीत मिल चुकी है और 48 पर बढ़त बनाए हुए है। वहीं, कांग्रेस को 4 सीटों पर विजय मिली है। 5 पर आगे चल रही है। एमसीडी में बहुमत के लिए 126 सीटें चाहिए।
अब पूरी काउंटिंग को सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं…
1. शुरुआत में कभी भाजपा और कभी आप आगे
शुरुआती रुझानों में भाजपा और आप दलों में कड़ी टक्कर देखने को मिली। शुरुआती दो घंटे में दोनों दलों की सीटों में 10 से 20 सीटों का अंतर रहा। कभी भाजपा आगे तो कभी आप आगे दिखी। लेकिन सुबह 10.30 बजे के बाद हालात बदले और आप ने भाजपा पर बढ़त बना ली।
2. आप के दफ्तर में सुबह से हलचल, पहले जश्न, मायूसी फिर जश्न
एग्जिट पोल में AAP की जीत के बाद बुधवार सुबह से ही पार्टी के कार्यालय में गहमा-गहमी शुरू हो गई थी। ऑफिस को पीले और नीले गुब्बारों से सजाया गया है। पिछली बार इन्हें सफेद और नीले कलर के गुब्बारों से सजाया गया था। दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों के लिए 4 दिसंबर को मतदान हुआ था। पर जैसे ही रुझान आते रहे आप के दफ्तर में पहले जश्न, मायूसी फिर जश्न का माहौल दिखा।
3. कांग्रेस का दफ्तर सूना रहा, ताला लगा दिखा
कांग्रेस का दफ्तर सुबह से ही सूना रहा। दफ्तर के गेट पर ताला लगा दिखा।
4. भाजपा कार्यालय में सुबह मायूसी रही
भाजपा कार्यालय में सुबह कोई बड़ा नेता नहीं दिखा। बहुत कम लोग दिखे। एक कार्यकर्ता ने कहा कि एग्जिट पोल में आप की बड़ी जीत दिख रही थी। शायद यह इसका ही असर है। लेकिन हमें विश्वास है कि हम 100 से ज्यादा सीटें लेकर आएंगे। हालांकि, जैसे-जैसे नतीजे आते दिखे ऑफिस में हलचल बढ़ गई।
5.MCD में पिछले 15 सालों से BJP का कब्जा
दिल्ली नगर निगम में पिछले 15 सालों से BJP का कब्जा है, लेकिन इस बार एग्जिट पोल में AAP यहां क्लीन स्वीप करती नजर आ रही है। इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया और टाइम्स नाउ-ईटीजी के एग्जिट पोल के मुताबिक MCD में AAP की सरकार भारी बहुमत से बनती दिख रही है। BJP दूसरे न्ंबर पर और कांग्रेस का सफाया होता दिख रहा है।
मैदान में उतरे 1,349 उम्मीदवार
MCD चुनाव 2022 के लिए 1349 उम्मीदवार मैदान में उतरे। इनमें 709 महिला प्रत्याशी थीं। BJP और AAP ने सभी 250 सीटों पर अपने-अपने कैंडिडेट उतारे, जबकि कांग्रेस के 247 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। JDU ने 23 सीटों पर, तो AIMIM ने 15 सीटों पर कैंडिडेट उतारे।
BSP ने 174, NCP ने 29, इंडियन मुस्लिम लीग ने 12, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने 3, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने 4 और सपा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एक-एक सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतारे। इसके अलावा 382 निर्दलीय प्रत्याशी रहे।
MCD क्या काम करती है?
- जनता को सुविधाएं प्रदान करना। इसमें स्वास्थ्य सुविधाएं, सड़कों, फुटपाथ और बाजारों की सफाई, ई-रिक्शा, रिक्शा और ठेलों को लाइसेंस देना शामिल है।
- प्राइमरी स्कूलों का संचालन और सड़क, ओवर ब्रिज, सार्वजनिक शौचालय जैसे पब्लिक प्लेस का निर्माण-रखरखाव।
- वाटर सप्लाई, ड्रेनेज सिस्टम मैनेजमेंट, स्लम एरिया में डेवलपमेंट के काम।
- पार्क, लाइब्रेरी, स्ट्रीट लाइट्स और पार्किंग क्षेत्रों का रखरखाव। कई पार्किंग के ठेके भी MCD देती है।
- MCD के जरूरी कामों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट शामिल है, जिसमें यह सुनिश्चित करना होता है कि हर घर से और कलेक्शन पॉइंट्स से कचरा इकट्ठा किया जाए।
- MCD का काम यह सुनिश्चित करना है कि इमारतों का निर्माण उसके द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस के अनुसार हो।
- MCD श्मशान घाट चलाने और जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखने के लिए जिम्मेदार है।
दिल्ली की राजनीति में MCD इतनी अहम क्यों?
दिल्ली की सत्ता के तीन पावर सेंटर्स हैं। दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और MCD। केंद्र सरकार की शक्तियां तो उसके पास ही रहेंगीं। अब मान लीजिए दिल्ली में और केंद्र में विरोधी दलों की सरकारें हैं तो केंद्र में सत्ताधारी दल चाहता है कि MCD उसके पास रहे और वह दिल्ली को अपने हिसाब से रेगुलेट कर सके। वहीं, दिल्ली की सरकार चाहती है कि MCD भी उसके कब्जे में आ जाए तो वह ज्यादा आजादी से और अपने हिसाब से विकास कर सकेगी।