काठमांडू। नेपाल में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण अब तक 112 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ और भूस्खलन के कारण सौ से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं।
राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाके में सबसे अधिक तबाही देखने को मिल रही है। काठमांडू का अधिकांश हिस्सा डूबा हुआ है। जानमाल का सबसे अधिक नुकसान यहीं देखने को मिला है। काठमांडू का अपने आसपास के दूसरे जिले से सड़क संपर्क टूट गया है। लगातार बारिश के कारण काठमांडू सहित देशभर के विमान स्थलों को बंद कर दिया गया है। बारिश के कारण बिजली के पोल गिरने से बिजली की सप्लाई बंद है और इंटरनेट सेवा भी बाधित है।
नेपाल में 323 मिलीमीटर की रिकार्ड बारिश के कारण पिछले 24 घंटे में 100 लोगों की मौत हो गई है। अब तक 100 से अधिक लोगों के लापता होने की भी जानकारी दी गई है। बाढ़ के कारण सैकड़ों लोगों के घायल होने की जानकारी गृह मंत्रालय के तरफ से दी गई है।
पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन के कारण देश के 48 राजमार्ग पूरी तरह से बंद हो गए हैं। काठमांडू को जोड़ने वाले सभी राजमार्ग और अन्य रास्ते भूस्खलन के कारण बंद हैं। देश के कई जिलों का काठमांडू से किसी भी माध्यम से संपर्क टूट चुका है। शुक्रवार शाम से ही कई यात्री वाहक बस जगह-जगह पर फंसे हुए हैं। कुछ यात्री बसों के भूस्खलन की चपेट में आने से यात्रियों की जान गई है। शनिवार शाम ऐसे ही दो बसों के पता लगने के बाद से उनमें से 14 शव निकाले गए।
लगातार बारिश के कारण देशभर के हवाई अड्डों को बंद कर दिया गया है। काठमांडू विमानस्थल से आंतरिक उड़ानों पर रोक लगा दी गई है। मौसम खराब और कम विजिबिलिटी के कारण शनिवार को अधिकांश इंटरनेशनल एयरलाइंस को भारत की तरफ डाइवर्ट कर दिया गया था। जिन कुछ विमानों का उड़ान रविवार सुबह हो भी पाया उनके यात्री विमानस्थल नहीं पहुंच पाए। गोरखा से दो दिन पहले काठमांडू के लिए रवाना हुई दो बसों का अब तक कोई पता नहीं लग पाया है।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि लगातार बारिश और बाढ़ के कारण देशभर के 15 बड़ी पुल ध्वस्त हो गई है। इनमें नेपाल और चीन को जोड़ने वाली दो बेलीब्रिज भी शामिल है।
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