रायपुर (Chhattisgarhi Language)। छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी भाषा को स्कूली शिक्षा का माध्यम बनाने के अभियान में जुटे छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के संस्थापक, 81 साल के बिलासपुर के रहवासी नंद किशोर शुक्ल आज बुधवार 21 फरवरी को विश्व मातृभाषा दिवस पर दो दिवसीय सत्याग्रह पर बैठ गए हैं। आजाद चौक में गांधी प्रतिमा के नीचे उन्होंने अकेले ही सत्याग्रह शुरू कर दिया है। वे समय-समय पर जन-जागरण और पदयात्रा भी करते रहते हैं।
Chhattisgarhi Language: शिक्षा से विकास के द्वार खुलते है, शिक्षा माध्यम छत्तीसगढ़ी होना चाहिए: नंद किशोर
नंद कुमार शुक्ल ने पारंपरिक छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में ही रहते हैं। एक हाथ में लाठी रखे हुए, सर पर बंधे कपड़ों पर छत्तीसगढ़ी लिखा हुआ। इसी वेशभूषा में रहकर शुक्ल छत्तीसगढ़ी की लगाई लड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के संस्थापक नंद किशोर शुक्ल का कहना है कि “शिक्षा से विकास के द्वार खुलते है। (Chhattisgarhi Language) शिक्षा माध्यम छत्तीसगढ़ी होना चाहिए। लेकिन मानसिकता की बात है। अंग्रेजी की तरह हिंदी को मातृभाषा की जगह प्रयुक्त किया जा रहा है। होना यह चाहिए की त्रिभाषा सूत्र लागू किया जाए”।
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