सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जगरगुंडा थाना क्षेत्र में पुलिस की संयुक्त पार्टी और माओवादियों के बीच हुए मुठभेड़ में तीन जवान बलिदान हो गए। वहीं 15 जवान घायल हो गए हैं। सभी घायल जवानों का प्राथमिक उपचार सिलगेर कैंप में किया गया। इसके पश्चात घायल जवानों को हेलीकॉप्टर से जगदलपुर और रायपुर रेफर किया गया। पुलिस द्वारा इस मुठभेड़ में 6 से अधिक माओवादियों की घायल व मारे जाने का दावा किया गया है।
बलिदान जवानों में कोबरा 201 आरक्षक देवन सी., कोबरा 201 आरक्षक पवन कुमार, सीआरपीएफ 150, आरक्षक लाम्बधर सिन्हा है।
घायल जवानों में कोबरा 201 कमांडेंट लखवीर, डिप्टी 201 कोबरा असिस्टेंट कमांडेंट राजेश पंचाल, 201 कोबरा के प्रधान आरक्षक खेडकर रामदास, प्रधान आरक्षक अखिलेश यादव, प्रधान आरक्षक हरेन्द्र सिंह, प्रधान आरक्षक मोहम्मद ईरफान, प्रधान आरक्षक, कोबरा 201 आरक्षक गोपीनाथ बासुमताढी, आरक्षक मनोज नाथ, आरक्षक विकास कुमार, आरक्षक बेनूधर साहू, आरक्षक टी. मधुकुमार, आरक्षक मलकित सिंह, आरक्षक ई. वेंकटेश, आरक्षक अविनाश शर्मा, आरक्षक राउत ओमप्रकाश सहित सभी घायल जवान कोबरा 201 बटालियन के है।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि, सुकमा-बीजापुर जिले में सीमावर्ती क्षेत्र सुकमा जिले के जगरगुण्डा टेकलगुड़ेम गांव में नक्सल गतिविधि के ऊपर अंकुश लगाने के लिए क्षेत्र की जनता को मूलभूत सुविधा से लाभान्वित करने के लिए 30 जनवरी मंगलवार को नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित की गई। सुरक्षा बलों के कैम्प स्थापना के पश्चात् जोनागुड़ा-अलीगुड़ा क्षेत्र में गस्त सर्चिंग कर रही कोबरा, एसटीएफ व डीआरजी जवानों की संयुक्त फोर्स के ऊपर माओवादी द्वारा फायरिंग की गई। सुरक्षा बल द्वारा भी माओवादी फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब देते हुए जवाबी कार्यवाही किया गया। सुरक्षा बल के बढ़ते दबाव को देखकर माओवादी जंगल का आड़ लेकर भाग गए। इस मुठभेड़ में 3 जवान बलिदान हुए तथा 15 जवान घायल हुए। इस मुठभेड़ में माओवादियों के करीब 6 से अधिक लोगों को गोली लगने से मारे जाने जानकारी है।
इधर घायल सभी जवानों की स्थिति खतरे से बाहर है, तथा घायल जवानों को मेडिकल कालेज जगदलपुर, नारायणा हॉस्पिटल रायपुर एवं बालाजी हॉस्पिटल रायपुर में इलाज जारी है। उन्होंने बताया कि सभी जवान खतरे से बाहर है।
जवानों का हौसला है मजबूत
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि, इलाके में ग्रामीणों के विकास एवं उनकी सुरक्षा के लिए कैंप स्थापित किया गया है। यह कैंप स्थाई रूप से यही रहेगा। उन्होंने बताया कि जवानों का हौसला बुलंद है, इलाके में आने वाले दिनों में माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि इलाके में माओवादियों के पीएलजीए बटालियन सक्रिय है, इसका वर्चस्व खत्म कर इलाके में शांति स्थापित की जाएगी।
दूसरी बार उसी लोकेशन पर हुआ मुठभेड़
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 में टेकलगुड़ेम के जंगल में हुये पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 23 जवानों की शहादत हुई थी। मंगलवार को इस इलाके में जवान सर्चिंग के लिए निकले थे इस दौरान सुरक्षा बल और माओवादियों के साथ उक्त स्थल पर ही मुठभेड़ हुआ है। वहीं मुठभेड़ की बाद इलाके में सुरक्षा बल के जवानों के द्वारा सर्चिंग तेज कर दिया गया है।
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