अयोध्या। सदियों संघर्ष के बाद श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य-दिव्य मंदिर कारसेवकों के बलिदान की सार्थकता है, जो कारसेवा में हुए संघर्षों को बयां कर रही है। वहीं शहीद कारसेवकों की स्मृति में जटायु की प्रतिमा नई पीढ़ी के साथ देश-दुनिया को हमेशा यूं कहें हर समय कारसेवकों के संघर्षों की याद दिलाएगी।
प्रभु श्रीराम 18 जनवरी को ही स्वर्णिम सिंहासन पर विराजमान हो गए हैं। 22 जनवरी को दोपहर 12:20 पर आराध्य के आंखों की पट्टी मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खोलेंगे। रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक पदाधिकारी ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पहले प्रधानमंत्री मोदी श्रीराम जन्मभूमि परिसर में शहीद कारसेवकों की स्मृति में जटायु की प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे और गिद्धराज जटायु समेत राम मंदिर आंदोलन में शहीद कारसेवकों को श्रद्धांजलि भी देंगे। यह कारसेवकों के परिवार के लिए बेहद सुखद पल होगा।
22 जनवरी को राम मंदिर परिसर में प्रधानमंत्री मोदी भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले जटायु की मूर्ति का शिलान्यास करेंगे। साथ ही राम मंदिर आंदोलन में शहीद कारसेवकों की स्मृति में लगाए गए जटायु की प्रतिमा पर ही शहीद कारसेवकों को श्रद्धांजलि देंगे। इससे शहीद कारसेवकों के परिवार में उत्साह का माहौल है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री ने राम मंदिर का निर्माण कराकर ही कारसेवकों को श्रद्धांजलि दी है। वर्षों बाद उनके बलिदान की सार्थकता मंदिर निर्माण के साथ दिख रही है।
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