उत्तरकाशी। बचावकर्मियों ने रविवार को सिल्क्यारा-बरकोट सुरंग के ऊपर पहाड़ी में वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की। 14 दिनों से सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों तक पहुंचने के लिए इस नए तरीके को अपनाने के पहले दिन लगभग 20 मीटर तक ड्रिलिंग की गई।
वर्टिकल ड्रिलिंग उन पांच विकल्पों में से एक है जिस पर तैयारी का काम कुछ दिन पहले शुरू हो गया था। बचावकर्मियों को सुरंग तक पहुंचने के लिए 86 मीटर नीचे खुदाई करनी पड़ी। शाम तक, भारी ड्रिलिंग उपकरण लगभग 19.5 मीटर तक नीचे बोर किए जा चुके थे। राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने कहा कि अगर कोई बाधा नहीं आई तो वर्टिकल बोरिंग गुरुवार तक खत्म हो जाएगी।
जैसे-जैसे ड्रिलिंग आगे बढ़ रही है, श्रमिकों के निकलने का रास्ता बनाने के लिए 700 मिमी चौड़े पाइप डाले जा रहे हैं।सुरंग के सिल्क्यारा-छोर से क्षैतिज ड्रिलिंग ऑपरेशन में आने वाली के बाद वर्टिकल बोरिंग विकल्प को सबसे अच्छे विकल्प के रूप में चुना गया।
वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए दो जगहों की पहचान की गई थी और दोनों ही ऊंचाई वाली निर्माणाधीन सुरंग सिलक्यारा के किनारे पर हैं। एसजेवीएन ने बचाव प्रयासों के 15वें दिन पहाड़ी के ऊपर सुरंग के शीर्ष पर वर्टिकल ड्रिलिंग कार्य शुरू किया।
सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को सही-सलामत बाहर निकालने के लिए कई एजेंसियां बचाव कार्य में लगी हैं। वहीं रविवार को भारतीय वायु सेना भी इसमें शामिल हो गई।
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