चंडीगढ़। अनंतनाग में दो दिन पहले आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने गांव भड़ौजियां पहुंचकर बलिदानी को श्रद्धांजलि दी।
अनंतनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह न्यू चंडीगढ़ के गांव भड़ौजियां के थे। मनप्रीत का शव शुक्रवार सुबह चंडी मंदिर स्थित सेना की पश्चिमी कमान के मुख्यालय पहुंचा। यहां सैन्य अधिकारियों के श्रद्धांजलि देने के बाद शव को पैतृक गांव भड़ौजियां ले जाया गया। गांव में मनप्रीत का शव पहुंचने पर सडक़ के दोनों तरफ बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और उनके अंतिम दर्शन के लिए बेताव दिखे। पार्थिव देह घर पहुंचने पर लोगों ने फूल बरसाए। कर्नल मनप्रीत की पत्नी उनके ताबूत पर सिर रखे रोती दिखी। कर्नल की अंतिम यात्रा वाले रास्ते को गांववालों ने खुद साफ किया। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित भी गांव भड़ौजियां पहुंचे और बलिदानी के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि देकर श्रद्धांजलि दी। मनप्रीत सिंह के सात साल के बेटे कबीर ने सेना की वर्दी पहनकर पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। आखिरी बार उसने अपने पिता को जय हिंद कहकर विदाई दी।
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