धमतरी,14 सितंबर (हि.स.)। 15 बसों की जांच कर यातायात पुलिस ने फिर से औपचारिकता निभाई। यातायात में डीएसपी बैठाने के बाद भी कोई विशेष काम नहीं हो पा रहा है। प्रतिबंधित क्षेत्र रूद्री रोड में प्रतिदिन रेत लाने-ले जाने वाले हाइवा वाहन दौड़ रहे हैं। यातायात पुलिस के अधिकारियों ने अपने आंखें बंद कर रखी है। अधिकतर पुलिस अधिकारी और कर्मचारी विभाग का और अपना निजी लक्ष्य पूरा करने में व्यस्त हैं। इसलिए खानापूर्ति की कार्रवाई हो रही है।
14 सितंबर को यातायात के डीएसपी मणिशंकर चन्द्रा ने यात्रियों की सुरक्षा एवं दुर्घटना रहित यात्रा के उद्देश्य से स्टाफ के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर चलने वाले 15 यात्री बसों की जांच की। पुलिस ने हर बार की तरह औपचारिकता निभाकर कार्रवाई का अपना रिकार्ड अद्यतन किया, ताकि बसों पर कार्रवाई का रिकार्ड आ सके। चार बसों में ओव्हर स्पीड के कारण 8000 रुपये की चालानी कार्रवाई की गई। वाहन चालकों व परिचालकों को यातायात नियमों का पालन करने की समझाइश दिया गया।धमतरी से होकर गुजरने वाली 99 प्रतिशत बसों में किराया सूची चस्पा नहीं होती। चालक-परिचालक वर्दी नहीं पहनते, क्षमता से अधिक यात्री प्रतिदिन बैठाते हैं, ओवर स्पीड से वाहन चलाना बस चालकों का रोज का काम है। महिला-यात्री और बुजुर्ग खड़े-खड़े यात्रा करते हैं। महिला आरक्षित सीट का स्लोगन तो बसों में लिख रहता है, लेकिन परिचालक महिलाओं को सीट नहीं देता। ये सब खामियां पुलिस को कभी नहीं दिखती। धमतरी से चलने वाली या धमतरी से हाेकर प्रतिदिन 250 से अधिक बसें से गुजरती हैं। 99 प्रतिशत बसों में ये खामियां है। लेकिन यातायात पुलिस कार्रवाई की खानापूर्ति करने समय-समय पर कभी 15 तो कभी 20 बसों की जांच कर चालान की राशि वसूल कर स्वयं का पीठ थपथपाती रहती है। यातायात शाखा में डीएसपी पदस्थ किया है। इसके बाद भी अव्यवस्था सुधरने के बजाय बढ़ती जा रही है। अंबेडकर चौक से रूद्री रोड में रेत खदान जाने वाले हाइवा वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है, लेकिन प्रतिदिन सैकड़ों हाइवा वाहन इधर से चलते हैं। शहर के अंदर रत्नाबांधा चौक और आसपास सड़क पर सामान फैलाकर व्यावसायी बाधा उत्पन्न कर रहे है। नेशनल हाइवे में भीड़ के समय दिनदहाड़े ट्रकों और बड़े वाहनों को लगाकर कतिपय व्यापारी माल खाली करवाते हैं। बैंकों के सामने दोपहिया बेतरतीब खड़े रहे हैं। इन सब अव्यवस्थाओं को लेकर पुलिस ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है। इन सब बातों को देखकर लोग चर्चा करते रहते हैं कि पुलिस विभागीय और निजी लक्ष्य पूरा करने के लिए कार्रवाई की खानापूर्ति करती रहती है, इसलिए शहर की यातायात व्यवस्था नहीं सुधर रही है।
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