रांची। झारखंड शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपित जेल में बंद शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी को संपादक (पत्रकार) को धमकी दिए जाने के मामले में न्यायिक दंडाधिकारी सोनाली सिंह की कोर्ट में पेश किया गया। योगेन्द्र तिवारी को मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया।
सुनवाई के दौरान योगेंद्र तिवारी ने जमानत याचिका दाखिल की। कोर्ट ने उसे जमानत प्रदान की। हालांकि, बेल बांड नहीं भरने की वजह से योगेंद्र तिवारी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। योगेंद्र के खिलाफ अभी मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला लंबित है। सीआईडी ने खेलगांव थाना में दर्ज प्राथमिकी को टेकअप कर जांच शुरू की है। इस मामले में योगेंद्र तिवारी का सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान भी दर्ज कराया गया।
योगेंद्र तिवारी पर बीते 29 दिसंबर को जेल के फोन नंबर से एक दैनिक अखबार के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी सहित अन्य संपादकों को धमकी देने का आरोप है। इससे संबंधित एक प्राथमिकी रांची के सदर थाना में पत्रकार ने 29 दिसंबर को दर्ज कराई थी। इस कांड को डीजीपी के आदेश पर आईजी अभियान ने सीआईडी को ट्रांसफर करने का आदेश 30 दिसंबर को दिया था।
इस आधार पर सीआईडी ने 31 दिसंबर को सदर थाना में दर्ज केस को टेकओवर कर जांच शुरू कर दी है। बाद में सीआईडी की जांच रिपोर्ट के आधार पर जेलर के अलावा दो लोगों जेल के सीनियर वार्डन अवधेश कुमार सिंह और कंप्यूटर ऑपरेटर की संदिग्ध भूमिका के चलते उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी को पिछले वर्ष 19 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। उस पर शराब घोटाला के जरिए अवैध कमाई करने और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इस बीच उस पर एक समाचार पत्र के पत्रकार को जेल से फोन कर धमकी देने का आरोप लगा है। इस मामले में योगेंद्र तिवारी ने भी प्राथमिकी दर्ज करवाई है।
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