बलरामपुर। संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग सरगुजा संभाग द्वारा पहाड़ी कोरवा कन्या शिक्षा परिसर राजपुर की प्रभारी अधीक्षिका जेरमिना कुजूर (प्रधान पाठक) को पदीय दायित्व के निर्वहन में लापरवाही बरतने पर निलंबित किया गया है।
आश्रम/छात्रावासों में निवासरत छात्राओं के सर्वांगीण विकास तथा शारीरिक विकास के देखरेख एवं समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराये जाने की जिम्मेदारी अधीक्षिका की होती है, परंतु पहाड़ी कोरवा कन्या शिक्षा परिसर राजपुर की प्रभारी अधीक्षिका जेरमिना कुजूर (प्रधान पाठक) के द्वारा कक्षा 10वीं में अध्ययनरत व छात्रावास निवासरत छात्रा का देखरेख व संरक्षण उचित प्रकार से नहीं किया गया। जिसके कारण उक्त छात्रा का प्रेम संबंध स्थापित हो गया, जिससे छात्रा गर्भवती हो गई। प्रभारी अधीक्षिका कुजूर द्वारा अपने पदीय दायित्वों को सम्यक रूप से पालन नहीं किया गया, जो अधीक्षिकीय पदीय दायित्व के निर्वहन में प्रभारी अधीक्षिका के घोर लापरवाही को दर्शाता है।
कुजूर का उक्त कृत्य छ.ग. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 03 के सर्वथा विपरीत होने के कारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966 के नियम 9 (1) (क) में वर्णित प्रावधानों के तहत निलंबित किया गया है। कुजूर का निलंबन अवधि में मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, रामचन्द्रपुर नियत किया गया है। निलंबन अवधि में जेरमिना कुजूर, को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
पदीय गरिमा के विपरीत कार्य करने पर शिक्षक निलंबित
वहीं शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, वाड्रफनगर में आयोजित विदाई समारोह में संस्था के शिक्षक (एलबी) संतोष कुमार साहू के द्वारा विदाई समारोह में छात्राओं के साथ अश्लील गानों पर डांस (नृत्य) करने संबंधी खबर मीडिया में वायरल हुई थी। जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आवश्यक कार्रवाई कर संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग सरगुजा संभाग को प्रतिवेदन प्रेषित किया गया।
शिक्षक (एलबी) संतोष कुमार साहू का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 का स्पष्ट उल्लंघन है। अतः छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1)(क) के अंतर्गत संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग सरगुजा संभाग के द्वारा शिक्षक (एल.बी.) संतोष कुमार साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए इनका मुख्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय बलरामपुर नियत किया गया है। निलंबन अवधि में संबंधित को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
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