हजारीबाग। काशी साहित्यिक संस्थान ट्रस्ट की तरफ से 22 जून को गूगल मीट पर विचार संगोष्ठी का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें आज की भारतीय शिक्षा पद्धति पर विचार व्यक्त किया गया। इसमें देश के विभिन्न जगहों से शामिल प्रतिभागियों ने भाग लिया। सभी ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। आज की शिक्षा प्रणाली न केवल बच्चों को साक्षर बना रहे हैं, बल्कि वह व्यावसायिक शिक्षा की ओर भी बच्चों को अग्रसर कर रहे हैं। सभी ने इसी बात पर जोर दिया कि आज की शिक्षा प्रणाली अच्छी तो है, परंतु संस्कार और संस्कृति से दूर करती जा रही है तथा इस पर भी गहरी चिंता सभी वक्ताओं ने जाहिर की। आज की भारतीय शिक्षा प्रणाली में शिक्षकों को शिक्षा के अलावा भी अन्य कार्यों में लगा दिया जाता है, जिससे बच्चों की शिक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसी क्रम में उत्तम द्विवेदी ने प्राथमिक स्तर से लेकर ग्रेजुएट तक की शिक्षा प्रणाली पर प्रकाश डाला जिसमें डॉक्टर सुष्मिता बनर्जी ने आज की भारतीय शिक्षा प्रणाली पर काफी अच्छे तरीके से प्रकाश डाला। उन्होंने आज की शिक्षा प्रणाली को अच्छा भी बताया तथा बच्चों के लिए कौशल विकास से जोड़ने के प्रयास जो सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सराहा। इसमें विभिन्न वक्ताओं उत्तम द्विवेदी, दिवाकर पाठक, राजू धाकड़, ‘सरल’, सुनील कुमार खुराना, निशा चन्द्रा, ,सम्पत्ति चौरे’स्वाति’,मंजू सकलानी, साधना छिरोल्या, नीता माथुर, वंदना घनश्याला, डॉ सुष्मिता, नीलम प्रभा सिन्हा, विजय नारायण तिवारी, डॉ हस्तीमल आर्य आदि ने भाग लिया।
इस का कार्यक्रम का संचालन ममता तिवारी ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ ममता तिवारी ने सरस्वती वंदना से किया। उन्होंने इस कार्यक्रम का संचालन बहुत ही शानदार तरीके से किया। कार्यक्रम के अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए वंदना घनश्याला ने सबका आभार व्यक्त किया।
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