रामगढ : झारखंड में रामगढ़ विधानसभा में होने वाले उप चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया गया है। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने आज चुनाव की घोषणा कर दी। रामगढ़ विधानसभा में 27 फरवरी को वोटिंग होगी। 2 मार्च को मतगणना होगी। नामांकन के लिए 31 जनवरी को अधिसूचना जारी की जाएगी। 7 फरवरी तक नामांकन किया जा सकेगा। 8 तारीख को स्क्रुटनी की जाएगी एवं नाम वापस लेने की तिथि 10 फरवरी तक है।
गोला गोलीकांड मामले में ममता देवी की गई सदस्यता
गोला गोलीकांड मामले में हजारीबाग सिविल कोर्ट द्वारा पांच साल की सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस विधायक ममता देवी की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी। रामगढ़ में 405 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें शहरी क्षेत्र में 62 और ग्रामीण क्षेत्र में 343 शामिल पोलिंग बूथ है।
चुनाव आयोग तैयार
रामगढ़ उपचुनाव में 506 ईवीएम और 547 वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। 5 जनवरी 2023 को प्रकाशित नई मतदाता सूची के अनुसार रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 3 लाख 34 हजार 167 मतदाता हैं, जिसमें 1 लाख 72 हजार 923 पुरुष, 1 लाख 61 हजार 244 महिला मतदाता शामिल हैं। गौरतलब है कि रामगढ़ में 2009 विधानसभा चुनाव में 67.63%, 2014 में 70.72% और 2019 विस चुनाव में 71.36 प्रतिशत मतदान हुआ था।
राज्य की पहली महिला विधायक जिनकी सदस्यता गयी
ममता से पहले झारखंड विधानसभा के पांच सदस्यों ने अलग-अलग आपराधिक मामलों में अपनी सजा के बाद 2015 और 2018 के बीच अपनी सदस्यता खो दी थी। हालांकि, ममता राज्य की पहली महिला विधायक हैं, जिन्हें किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया है।
पढ़िए पूरा घटनाक्रम, कैसे चली थी गोली
29 अगस्त 2016 को नागरिक चेतना मंच और आईपीएल प्लांट प्रबंधन के बीच पुनर्वास और नौकरी की मांग पर आंदोलनकारी ग्रामीण, प्रबंधन और प्रशासन के बीच गोला अंचल कार्यालय में वार्ता हो रही थी। लेकिन राजीव जायसवाल, और तात्कालीन पार्षद ममता देवी के नेतृत्व में विस्थापित ग्रामीण फैक्टरी गेट तक पहुंचे और यहीं वार्ता की मांग करने लगे। यहां पर पहले से तैनात पुलिसबल ने सभी को वहां से जबरन हटा दिया। इससे नाराज विस्थापित सेनेगढ़ा नदी चले गए। वहां पर विस्थापितों ने फैक्टरी में पानी सप्लाई के लिए लगाई गई पाइपलाइन में तोड़फोड़ शुरू कर दी।इसी दौरान पुलिस भी वहां पर पहुंची। पुलिस को देखते ही तनाव की स्थिति बन गई। इसके बाद नदी के दोनों तरफ से ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। पुलिस का कहना है कि विस्थापितों की ओर से गोलीबारी की गई। जबकि आंदोलनकारियों का कहना है कि पुलिस ने विस्थापितों पर गोली चला दी। फायरिंग में दशरथ नायक (50) और रामलखन महतो उर्फ फुतू महतो (40) की मौत हो गई। दोनों पक्षों से करीब 43 लोग घायल हुए थे। सुरक्षा में बतौर मजिस्ट्रेट तैनात सीओ, बीडीओ और थानेदार सहित अन्य जवानों को भी चोटें आयी थी।
ये भी पढ़िए….
कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सलियों का 22 जनवरी को झारखंड बंद