हजारीबाग। विनोबा भावे विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित दो दिवसीय व्याख्यान माला के दूसरे दिन मंगलवार को प्रो हीरामन तिवारी ने व्याख्यान देते हुए राम मनोहर लोहिया, रामचरितमानस एवं मातृभाषा के बिंदुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। वह भारतीय ज्ञान परंपरा के कल के विषय को आगे बढ़ा रहे थे।
कार्यक्रम का आयोजन प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (PM-USHA) के मल्टी डिसीप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (MERU) प्रोजेक्ट के तहत किया गया।
मंगलवार के व्याख्यान का प्रारंभ उन्होंने समाजवादी विचारक राम मनोहर लोहिया का निबंध, रामकृष्ण और शिव पर चर्चा के साथ की। बताया कि जैसे पत्थरों और धातुओं पर इतिहास लिखा मिलता है वैसे ही इनकी कहानी लोगों के दिमागों पर अंकित है।
रामचरितमानस के विषय में चर्चा करते हुए प्रो तिवारी ने बताया कि इस पुस्तक का उनके हृदय के करीब होने का प्रमुख कारण है कि यह लोक भाषा अवधि का प्रयोग कर आम जनमानस तक राम की कथा को पहुंचाया है।
प्रो तिवारी ने कहा कि शोध के लिए प्रश्न का होना आवश्यक है। जब मन में प्रश्न उठते हैं तो उसके उत्तर ढूंढने हेतु बहुत सारे स्रोतों के पीछे व्यक्ति भागता है, उन्हें पढ़ता है। कई सारे स्रोतों को जानने के बाद वह शोध के रूप में अपनी कृत्य को प्रस्तुत करता है।
पाश्चात्य सोच और भारतीय ज्ञान परंपरा के विषय में विस्तार से बताते हुए उन्होंने ‘मेटाटेक्स्ट’ की चर्चा की। प्राचीन में ‘माहात्म्य’ की भी चर्चा की। उन्होंने शोधार्थियों से आह्वान किया कि किसी विषय को चुनने से पहले इस प्रश्न को स्वयं से अवश्य पूछना चाहिए कि मैं इस विषय को क्यों चुन रहा हूं।
मातृभाषा का सम्मान हो ऐसी अपेक्षा करते हुए, उन्होंने यह भी बताया की सभी भाषाएं अच्छी है। व्यक्ति को कोई भी भाषा पसंद आने लगती है जब व्यक्ति उसको सुनता है, समझता है और प्रयोग में लाता है। प्रो हीरामन तिवारी ने उदाहरण देते हुए ज्ञान के विस्तृत स्वरूप को समझाया। वाल्मीकि रामायण का जिक्र करते हुए उन्होंने फ्रेंच पक्षी की कथा भी बताई।
विभावि कुलपति प्रो चंद्र भूषण शर्मा ने विश्वविद्यालय प्रो हीरामन तिवारी का धन्यवाद किया। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा पर भविष्य में आयोजित होने वाले हजारीबाग लेक्चर सीरीज के विषय में भी जानकारी दी।
कार्यक्रम का संचालन यूसेट के प्राध्यापक डॉ अरुण कुमार मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक एवं भिन्न विभाग के विद्यार्थी अच्छी संख्या में उपस्थित हुए।
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