हजारीबाग। गौतम बुद्ध शिक्षण प्रशिक्षण कॉलेज मुकुंदगंज, हजारीबाग में सोमवार को छह दिवसीय लेक्चर सीरीज (व्याख्यानमाला) शुरू हो गया। इसका विषय पर्यावरण संरक्षण और संवर्द्धन रखा गया है। व्याख्यानमाला का शुभारंभ करते हुए सेवानिवृत्त सहायक संरक्षक, वन, वन्यजीव और जलवायु परिवर्तन विभाग झारखंड पंकज श्रीवास्तव ने पर्यावरण संरक्षण और संवर्द्धन का पाठ पढ़ाया।
पर्यावरण ह्रास की वजह और बचाव के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की स्थिति बिगड़ती जा रही है। इस कारण प्रदूषण वृद्धि, ओजोन परत का क्षरण, बारिश में कमी और जलवायु परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने जल, वायु और मृदा प्रदूषण की जानकारी दी। साथ ही बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हर व्यक्ति को प्रयास करने की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति के ऑक्सीजन की जरूरत को कम से कम 14 पेड़ पूरा करते हैं। उन्होंने पौधों की अवस्था सिडलिंग, सैंपलिंग, पोल और वृक्ष के बारे में भी समझाया। फैक्टरियों और वाहनों से निकलते धुएं को वायु प्रदूषण का जिम्मेवार ठहराया। उन्होंने बताया कि दिल्ली समेत विभिन्न महानगरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से ऊपर चला गया है, जो पर्यावरण के लिए घातक है।
प्रदूषण इस स्तर पर चला गया है कि अब तो वाटर के बाद एयर प्यूरीफायर की भी जरूरत पड़ने लगी है। उन्होंने कहा कि मृदा प्रदूषण से मिट्टी की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है। इससे जैव विविधता यानी जीवन चक्र प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जल, जंगल, वायु और जमीन को प्रदूषण से बचाने की जरूरत है।
वन विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक झारखंड में कुल क्षेत्र का 29.78% जंगल है, जबकि नेशनल एवरेज महज 18% है। किसी भी क्षेत्र के लिए 33% वन अनिवार्य है। उन्होंने पॉलिथिन और प्लास्टिक से भी दूर रहने की हिदायत दी। साथ ही कहा कि पहले रिफ्यूज करें या फिर री-यूज या री-साइक्लिंग करें।
उन्होंने प्लास्टिक और पॉलिथिन उन्मूलन के बेहतर उपाय इकोब्रिक्स के बारे में जानकारी साझा की। इससे पहले कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ अरविंद कुमार ने अतिथि का परिचय कराते हुए उन्हें सम्मानित किया।
मंच संचालन प्रशिक्षु प्रीति कुमारी ने किया। व्याख्यानमाला में आईक्यूएसी को-ऑर्डिनेटर डॉ बसुंधरा कुमारी, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ पुष्पा कुमारी, कुमारी अंजलि, पुष्पा कुमारी, महेश प्रसाद, एसएस माइटी, अनिल कुमार, गुलशन कुमार, संदीप खलखो, डॉ दीपमाला, दशरथ कुमार, रचना कुमारी, दिलीप कुमार सिंह, संदीप कुमार सिन्हा समेत सभी प्रशिक्षु मौजूद थे।
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