हजारीबाग। संत जेवियर स्कूल में विद्यार्थियों के लिए मोटिवेशनल वर्कशॉप का आयोजन गुरुवार को किया गया। दो घंटे चले इस आयोजन में कक्षा 4 से 12वीं के विद्यार्थी मैजिस सभागार में आयोजित इस वर्कशॉप का भरपूर लाभ उठाया।श्रीमद्भगवद गीता के विभिन्न श्लोकों का व्याख्यान करते हुए विद्यार्थी जीवन को सार्थक सरल एवं उनके आदर्शों को उच्च बनाने एवं विद्यार्थी जीवन में अमल करने की सलाह दी। उन भावना वाले श्लोकों को स्मिता पानीग्रही ने उच्चाचरित किया।
प्रमोद श्रीवास्तव ने श्लोक का अर्थ विभिन्न उदाहरण व कथाओं द्वारा विद्यार्थियों को काफी सरल तरीके से समझाया। उन्होंने जीवन की प्रमुख समस्याओं से निपटने के गुर बच्चों को सिखाया। विभिन्न विषयों पर गीता से उदाहरण लेकर विद्यार्थियों के विभिन्न कमजोरियों जैसे क्रोध, आलस्य, अवसाद, ईष्या से निपटना डर, विस्मृति, लोभ, हवस, प्रलोभन आदि पर जैसे विसंगतियों से दूर रहने के उपाय बताएं।
विद्यार्थियों के पांच महत्वपूर्ण लक्षणों का कचेष्टा, बकोध्यानम, अल्पाहारो, गृहत्यागी एवं स्वाननिद्रा का विद्यार्थी जीवन में समायोजित करने पर जोर दिया। प्रमोद श्रीवास्तव 1974 बैच संत जेवियर स्कूल हजारीबाग के पूर्ववर्ती छात्र रह चुके हैं।
धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य फादर रोसनर खालको एसजे के द्वारा किया गया। जिन्होंने ब्लूम टैक्सोनोमो का उदाहरण देते हुए सभा में उपस्थित सभी विद्यार्थियों को समझाया। साथ ही बच्चों को उच्च आदर्शो को मानने, क्षमा करने की प्रवृत्ति, सभी धर्मों का आदर करने पर जोर दिया। इस सभागार में विद्यालय के सभी उपप्राचार्य एवं शिक्षक उपस्थित थे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री कृष्ण अर्पणम् संस्था का सहयोग रहा।
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