बलरामपुर, अनिल गुप्ता : बलरामपुर-रामानुजगंज के कुसमी विकासखंड में सिराजुद्दीन कुरैशी, जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बलरामपुर स्थान -रामानुजगंज के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में रेशमा बैरागी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा एकलव्य विद्यालय कुसमी व 100 सीटर कन्या छात्रावास कुसमी में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त विधिक जागरुकता शिविर में विद्यालय के स्टॉफ, छात्राएं एवं इस प्राधिकरण के पीएलव्ही इरसाद आलम, उदित लकड़ा, रंजित राम उपस्थित थें।
विधिक साक्षरता शिविर में रेशमा बैरागी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने उपस्थित समस्त छात्राओं को घरेलु हिंसा के बारे में बताते हुए कहा कि घरेलू हिंसा घरेलू मारपीट या पारिवारिक हिंसा अथवा दुर्व्यवहार को प्रकट करने वाला शब्द है। वैश्विक रूप से सामान्यतः पत्नी तथा महिला साथी घरेलू हिंसा की शिकार अधिक होती है प्रायः देखा जाता है कि महिलाएं परिवार के भीतर ही कभी पिता तो कभी पति किसी न किसी रूप में पुरुष के दमन और शोषण का शिकार हो जाती हैं जिसका सबसे बड़ा कारण यह है कि प्रकृति ने महिलाओं को पुरुषों की तुलना शारीरिक तौर पर कमजोर बनाया है, जिसकी वजह से वह जल्द ही पुरुष के ईर्ष्या व कोध का शिकार हो जाती है। लेकिन अब परिस्थिति ठीक उलट चुकी है। हमारी संवैधानिक व्यवस्था महिलाओं के उपर होने वाली हिंसा और उनके शोषण के प्रति सचेत हो गई है। वर्ष 2006 में भारत सरकार द्वारा घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 लागू किया गया है, जिसके अनुसार महिला, वृद्ध अथवा बच्चों के साथ होने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा अपराध की श्रेणी में आती है, और इसके दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है। अतः हम सभी को कानून के दायरे में रहकर सभी महिला, वृद्ध अथवा बच्चों का सम्मान करना चाहिए।
नेटवर्क से जुड़ा है साइबर अपराध
इसी क्रम में सचिव ने साईबर क्राइम के बारे में बताते हुए कहा कि साईबर क्राइम एक ऐसा अपराध है जो कम्प्यूटर एवं नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। मोबाईल आदि में होने वाले धोखाधड़ी आदि साईबर क्राइम के अंतर्गत ही आने वाले मामले हैं। आज के टेक्नीकल युग में कम्प्यूटर और इंटरनेट का उपयोग निरंतर बढ़ता जा रहा है, ऐसे में कोई भी कार्य बिना कम्प्यूटर की सहायता से करना काफी मुश्किल लगता है। कम्प्यूटर एवं इंटरनेट के लगातार उपयोगिता को देखते हुए अपराधी भी तकनीकी माध्यम से हाईटेक हो रहे हैं। वह अपराध करने के लिए कम्प्यूटर, इंटरनेट एवं मोबाईल आदि का प्रयोग कर रहे हैं। इसके माध्यम से साइबर चोर ऑनलाईन ठगी व चोरी को अंजाम देते हैं। अतः वर्तमान इंटरनेट की दुनिया में हम सभी को सर्तक होनी की आवश्यकता है। मोबाईल में किसी भी अंजान व्यक्ति को अपने किसी भी दस्तावेजों का विवरण नहीं देना चाहिए। मोबाईल में आने वाले अनावश्यक संदेश एवं लिंक पर नहीं जाना चाहिए। अंत में सचिव रेशमा बैरागी के द्वारा समस्त छात्राओं को आगामी नेशनल लोक अदालत, नालसा हेल्प लाईन नम्बर 15100, टोनही प्रताडना निवारण अधिनियम, बाल शिक्षा, बाल श्रम, बाल विवाह के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया साथ ही उपरोक्त संबंध में पाम्पलेट भी वितरण किया गया।
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