रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पुलिस प्रशासन को लेकर अलोकतांत्रिक बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि किसी राज्य का मुखिया या जिम्मेदार व्यक्ति किसी अन्य राज्य की पुलिस महकमे पर आरोप लगाये, इसका उदाहरण शायद ही इतिहास में मिले। भट्टाचार्य गुरुवार को हरमू स्थित झामुमो के कैंप कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज से दो साल पहले असम में एक घटना घटी थी, उस समय भी बिस्वा सरमा ही मुख्यमंत्री थे। उस समय असम पुलिस का मणिपुर पुलिस के साथ विवाद हो गया। दोनों ओर से फायरिंग की भी नौबत आ गयी थी। दोनों एक दूसरे के कर्मियों को गिरफ्तार करने लगे थे। दो पुलिस महकमों के बीच इस तरह का टकराव असम ने शुरू किया।
उन्होंने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के तहत एक मुख्यमंत्री या मंत्री कहीं दूसरे राज्य में जाता है तो इसका पूरा डिटेल तैयार किया जाता है। मंत्री का कब किस स्थान पर कितने देर का कार्यक्रम है, ये सब विभागों के बीच साझा किया जाता है। फिर इसके अनुरूप सुरक्षा की व्यवस्था की जाती है। जब किसी राज्य का मुख्यमंत्री कहीं जाता है तो उसकी पहली सूचना उस राज्य के राज्यपाल के सचिव को दी जाती है।
अगर मंत्री की यात्रा होती है तो उस राज्य के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को इसकी सूचना सबसे पहले दी जाती है। साथ ही पुलिस महकमे के शीर्ष अधिकारियों को दी जाती है। इसमें विशेष शाखा की पुलिस भी आती है। विशेष शाखा की ओर से मंत्री की सुरक्षा के लिए जो पुलिस कर्मी दिया जाते हैं, वो सादे लिबास में रहते हैं। ये सब एक प्रोटोकॉल के तहत होता है। ये पूरे देश में होता है। इसी प्रोटोकॉल के तहत मंत्रियों या अन्य संबंधित व्यक्तियों को सुरक्षा दी जाती है।
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