रांची। गोरखा जवानों की शक्ति पूजा अपने आप में खास और अनोखी होती है। रांची के जैप वन परिसर में नेपाली परंपरा से दुर्गा पूजा होती है। इसी कड़ी में नवरात्रि की महासप्तमी के दिन फुलपाती पूजा हुई और मां दुर्गा को डोली में बैठाकर इस रस्म की अदायगी की गयी।
नवरात्रि में हर दिन विभिन्न तरीकों से मां शक्ति की पूजा गोरखा जवान करते हैं। महासप्तमी के अवसर पर गोरखा जवान नव पत्रिका प्रवेश के साथ फुलपाती पूजा करते हैं। इस दौरान गोरखा जवान पेड़ पौधों की पूजा करते हैं, ताकि जंग या फिर किसी मुठभेड़ के दौरान जंगलों में पेड़ पौधे भी उनके जवानों की रक्षा करें।
नवरात्रि की महासप्तमी के अवसर पर झारखंड आर्म्ड फोर्स वन परिसर में पूरे सैनिक सम्मान के साथ माता को डोली में बिठाकर फुलपाती की रस्म अदायगी की गई। इस दौरान गोरखा जवानों के परिवारों के बीच हर्ष का माहौल देखने को मिला। गोरखा परिवार की महिलाएं नवरात्रि के पर्व को महा उत्सव के तौर पर मानते हैं।गोरखा जवान नक्सलियों के खिलाफ या फिर वीआईपी की सुरक्षा का मामला हो हर जगह वे बहादुर के साथ कर्तव्य का निर्वहन करते हैं।
ऐसे में उनका विश्वास है कि अगर वह मां शक्ति, मां दुर्गा की पूजा श्रद्धापूर्वक करें तो उनके ऊपर आने वाली विपदा को मां शक्ति खुद से हर लेती हैं। यही वजह है कि फूलपाती के दिन भी गोरखा परिवारों का उत्साह चरम पर होता है। इस अवसर पर नाचते गाते, नौ कन्या रूपी माता का श्रृंगार करती हैं। इसके बाद मां को डोली में बिठाकर पूरे परिसर में यात्रा निकाली जाती है।
इस दौरान बैंड बाजे के साथ नौ कन्याएं आगे-आगे नौ विभिन्न रंगों के ध्वज लेकर निकालती हैं। इस यात्रा में डोली को भी शामिल किया जाता है। फुलपाती यात्रा में शामिल गोरखा परिवार पूर्व से चली आ रही है। परंपरा के अनुसार नौ जगहों पर पेड़ की पूजा करते हैं। इस दौरान पूजा अर्चना के साथ फायरिंग भी की गई। यात्रा संपन्न होने के बाद भतुआ की बलि भी दी गई।
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