रांची: रांची यूनिवर्सिटी ने साइबर पीस व सीपीसी के साथ सोमवार को साइबर सिक्योरिटी कोर्स शुरू करने के लिए करार किया। कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा की उपस्थिति में रजिस्ट्रार डॉ मुकुंदचंद्र मेहता, बीएसएनएल के जीएम आईटी, चेयरमैन यूपी शाह व साइबर पीस के ग्लोबल प्रेसिडेंट मेजर विनीत कुमार ने इसके तहत एक सप्लीमेंट्री एमोयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेडिंग) पर हस्ताक्षर किए। एक जुलाई से शुरू होगा कोर्स कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में साइबर सिक्योरिटी कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन जून से लिए जाएंगे। वहीं, एक जुलाई से कोर्स को शुरू किया जाएगा। कक्षाएं एमसीए व स्नातकोत्तर भौतिकी विभाग में आयोजित होंगी।
प्रायोगिक कक्षाएं एमसीए विभाग में और थ्योरी की कक्षाएं भौतिकी विभाग के सेंटर ऑफ एक्सीलेंसी में होंगी। कुलपति ने कहा कि हमारा प्रयास है कि झारखंड साइबर क्राइम हब से साइबर सिक्योरिटी हब बने। अब तक जामताड़ा के कारण राज्य साइबर क्राइम के लिए जाना जाता था, लेकिन रांची विवि से साइबर सिक्युरिटी कोर्स पढ़ कर युवा झारखंड को साइबर सिक्यूरिटी हब के रूप में पहचान दिलाएंगे। इस कोर्स में क्लास के साथ रिसर्च की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। कहा कि वर्तमान में प्रति सेंकेंड हजारों साइबर हमले देश पर होते हैं और हमें ज्यादा संख्या में साइबर सिक्यूरिटी विशेषज्ञ की आवश्यकता है। रांची विश्वविद्यालय में इसी उद्देश्य से रक्षा मंत्रालय के सहयोग से इस कोर्स को शुरू किया जा रहा है।
आईटी चेयरमैन यूपी शाह ने गर्मी की छुट्टियों में छात्रों को साइबर सुरक्षा पर एक प्रशिक्षण देने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इसे गर्मी छुट्टी के साथ जोड़ने से छात्रों को और ज्यादा लाभ होगा। साइबर पीस के ग्लोबल प्रेसिडेंट मेजर विनीत कुमार ने कहा कि रांची विवि में प्रारंभ हो रहा यह कोर्स इंटर डिसिप्लीनरी है, इसमें नन आईटी या किसी भी संकाय (आर्ट्स साईंस, कॉमर्स) के विद्यार्थी नामांकन ले सकते हैं। हम आस्ट्रेलिया में भी एमोयू करने जा रहे हैं। जिसके बाद यहां के विद्यार्थी प्लेसमेंट के लिए और साइबर सुरक्षा में उच्च शिक्षा के लिए आस्ट्रेलिया भी जा सकेंगे।
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