रांची। राज्य के नगर निकायों में नक्शे स्वीकृति में पैसों के खेल मामले में कोर्ट के स्वतः संज्ञान की हाई कोर्ट के जस्टिस एस. चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में गुरुवार को सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने आरआरडीए और रांची नगर निगम को निर्देश देते हुए कहा कि वे हरमू नदी के उद्गम स्थल डीएवी हेहल के समीप स्थित सभी मकानों का स्वीकृत नक्शा से संबंधित रिकार्ड प्रस्तुत करें। मामले में अगली सुनवाई छह दिसम्बर को होगी।
कोर्ट ने इस बात पर कड़ी नाराजगी जताई कि अधिवक्ता लाल ज्ञान रंजन शाहदेव को जान से मारने की धमकी मिलने और उनके द्वारा एफआईआर दर्ज करने के एक सप्ताह का समय बीतने के बाद भी अब तक उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं मुहैया कराया गया। कोर्ट ने अधिवक्ता एवं उनके परिवार को जल्द अंगरक्षक मुहैया करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया। साथ ही एफआईआर दर्ज होने के बाद की गई कार्रवाई के संबंध में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। सुनवाई के दौरान मामले में स्थल जांच के लिए कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर की ओर से स्थल जांच का सीलबंद रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया।
इससे पहले हाई कोर्ट की प्रथम पाली में सुनवाई के दौरान एडवोकेट एसोसिएशन, झारखंड हाई कोर्ट की अध्यक्ष रितु कुमार ने कोर्ट के संज्ञान में यह बात लाया कि हरमू नदी के उद्गम स्थल पर अतिक्रमण करने की शिकायत करने वाले एसोसिएशन के अधिवक्ता लाल ज्ञान रंजन नाथ शाहदेव पर अज्ञात लोगों ने पिस्टल तानकर जान से मारने की धमकी दी है और आज तक अधिवक्ता एवं उनके परिवार को सुरक्षा नहीं दिया गया।
एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इस पर कोर्ट ने सरकार के अधिवक्ता को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद की गई कार्रवाई के संबंध में दूसरी पाली में बताने को कहा था। रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने पैरवी की। आरआरडीए की ओर से अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह ने पैरवी की।
उल्लेखनीय है कि इससे संबंधित खबर प्रकाशित होने पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था। हरमू नदी के उद्गम स्थल डीएवी हेहल, कटहल मोड़ के समीप नदी का अतिक्रमण कर लिया गया है। नदी तथा प्राकृतिक नाले के 10 से 15 मीटर तक निर्माण कार्य नहीं हो सकता है। इसके बाद भी नियम विरुद्ध रांची नगर निगम/आरआरडीए ने मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग का नक्शा पास किया है, जिस पर निर्माण कार्य जारी है।
इस पर कोर्ट ने नदी के अतिक्रमण पर तीन वकीलों वाले एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करने का निर्देश दिया था और लाल ज्ञान रंजन नाथ शाहदेव के साथ स्थल जांच के लिए भेजा था एवं जांच कर 30 नवम्बर को रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा था।
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