हजारीबाग : सीपीएम की जिला कमेटी हजारीबाग ने बुधवार को एक दिवसीय धरना देकर जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र हजारीबाग को तत्काल खोलने की मांग की. साथ ही दिव्यांगों का पेंशन समय पर देने, सर्वेक्षित दिव्यांगों को अंत्योदय योजना से जोड़ने, अस्पताल में रेलवे पास के लिए अलग काउंटर खोलने, दिव्यांगों को राज्य और केंद्र सरकार के अनुसार ऋण देने, प्रखंड स्तर पर शिविर लगाकर दिव्यांग प्रमाण पत्र देने सहित नौ सूत्री मांग राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय नि:शक्तता आयोग, नई दिल्ली को उपायुक्त हजारीबाग के माध्यम से की गई. मौके पर सीपीएम नेता गणेश कुमार सीटू ने कहा कि मार्च तक केन्द्र नहीं खुलने पर पार्टी जिला कमिटी उच्च न्यायालय, झारखंड जाने को बाध्य होगी, जिसकी सारी जिम्मेवारी जिला प्रशासन की होगी.
हजारीबाग में 13 वर्षों से बंद है जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र
सीपीएम नेता गणेश कुमार सीटू ने धरने में कहा कि केंद्र सरकार ने दिव्यांगजनों के चौमुखी विकास के लिए (समान अधिकारों, अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम 1995 बनाया. 2016 में इसमें संशोधन करके दिव्यांगता के प्रकार और उनके अधिकारों को और अधिक बढ़ाया गया. लेकिन केंद्र सरकार का कानून हजारीबाग जिला प्रशासन के समक्ष पानी मांग रहा है. दिव्यांग जनों को आत्मनिर्भर और वित्तीय दृष्टि से स्वतंत्र बनाने के लिए, शिक्षा पुनर्वास व्यवसायिक प्रशिक्षण दे कर इन लोगों को सबल बनाने के लिए वर्ष 2002 में झारखंड के छह जिलों हजारीबाग, रांची, धनबाद, जमशेदपुर, पलामू और दुमका में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र खोला था और उस केंद्र के माध्यम से दिव्यांगों का चौमुखी विकास का प्रयास उन जिले में आरंभ किया गया. परंतु दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि हजारीबाग का जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र बीते 13 वर्षों से बंद है. इसको खुलवाने के लिए सीपीएम जिला कमेटी अध्यक्ष राष्ट्रीय निशक्तता आयोग, नई दिल्ली, राज्य आयोग दिव्यांग जन, झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री सहित जिले के उपायुक्त को एक नहीं चार बार धरना देकर केंद्र को खोलने की मांग जिला कमेटी ने की. लेकिन दुख की बात है कि आज तक यह केंद्र नहीं खुला.
हजारीबाग जिले में लगभग 20000 सर्वेक्षित दिव्यांग
सीपीएम नेता गणेश कुमार सीटू ने धरने में बताया कि वर्तमान में हजारीबाग जिले में लगभग 20000 सर्वेक्षित दिव्यांग हैं और यदि कोडरमा, चतरा और गिरिडीह के दिव्यांगों को जोड़ दिया जाए तो इनकी संख्या लगभग 60,000 से अधिक हो जाती है. हजारीबाग जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के बंद हो जाने से उन जिले के 60,000 से अधिक दिव्यांगों को अधिकारों का हनन लगातार हो रहा है. केंद्र को बंद हो जाने से दिव्यांगों का जो कृत्रिम अंग यहां पर मुफ्त में बनता का वह बनना बंद है. उसे बनाने के लिए लोग राज्य से बाहर जाते हैं और पैसे देकर बनवा कर आते हैं. अभी कुछ महीने पहले हजारीबाग केंद्र को खोलने के लिए राज्य सरकार ने 36 लाख रुपए जिला प्रशासन को मुहैया करवाया है. लेकिन केंद्र को खोलने का कोई प्रयास जिला प्रशासन ने नहीं किया. 31 मार्च तक अगर केंद्र नहीं खुलता है, तो 36 लाख रुपए भी लैप्स कर जाएगा. इसके पहले भी करोड़ों रुपए राज्य सरकार से आया और लैप्स करके वापस चला गया.
धरने की अध्यक्षता ईश्वर महतो और संचालन गणेश कुमार सीटू ने किया. इस मौके पर लक्ष्मी नारायण सिंह, तपेश्वर, राम विजय मिश्रा, अब्दुल जब्बार, महादेव महतो, सीन्टू राम, चरकू राम मोहम्मद इस्राइल, विपिन कुमार सिन्हा किरण देवी अंजू देवी, शोभा देवी, चानो़ राम, लखन भूईयां, सुरेश प्रसाद अजय कुमार, कुमार गौरव, खेमलाल महतो आदि ने भाग लिया.
ये भी पढ़िए…..