चरही संवाददाता/ नंदन कुमार। सीसीएल हजारीबाग कोयला क्षेत्र के तापीन नॉर्थ परियोजना में इन दिनों जमीन को लेकर प्रबंधन की नींद हराम हो गई है। एक ओर सीसीएल द्वारा जमीन के बदले में भू स्वामियों को नौकरी और मुआवजा भी दे चुकी है। उसके बाद भी भू स्वामी द्वारा जमीन खाली नहीं किया जा रहा है। बुधवार को सीसीएल प्रबंधन के शिकायत पर प्रशासन द्वारा मजिस्ट्रेट गठित कर भेजा गया था। लेकिन सभी को ग्रामीणों के कड़ा विरोध के कारण खाली हाथ लौटना पड़ा। प्राप्त जानकारी के अनुसार जब सीसीएल अधिकृत जमीन पर डोजर चलाने के लिए गया, तब कुछ ग्रामीण लोग डोजर के आगे जाकर सो गए। पहले तो ग्रामीण आपस मे ही जमीन के लिए लड़ाई करने लगे।
प्रशासन और प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों को काफी समझाया गया। लेकिन ग्रामीण कुछ मानने को तैयार ही नहीं हुए। उसके बाद पुलिस द्वारा हलका बल प्रयोग कर ग्रामीणों को भगाया गया। प्राप्त सूत्रों के अनुसार मांडू सीओ के रहमदिली से कई लोगों का वन विभाग और जीएम लैंड के जमीन का रशीद काट दिया गया है। यदि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच हो तो चौंकाने वाला खुलासा होगा।ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से जोत कोड हम लोग कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोग जमीन हड़प कर नौकरी लेने के प्रयास कर रहे है। काफी समझाने के बाद मामला को शांत किया गया।
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