बलरामपुर। छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा को विभाजित करने वाली जीवनदायिनी कन्हर नदी अब धीरे-धीरे सूखने के कगार पर आ गई है। कन्हर सरहदी क्षेत्रों के करीब बीस हजार परिवारों की प्यास बुझाती है। मवेशी सहित पक्षियां भी भीषण गर्मी में अपनी प्यास नदी के पानी से बुझाते है।
जीवनदायिनी कन्हर नदी हर वर्ष गर्मी के महीनों में सुख जाती है। जिससे जलसंकट उत्पन्न हो जाता है। इस नदी से निर्भर परिवारों को काफी परेशानी होने लगती है। जिसके मद्देनजर रामानुजगंज नगरपालिका के सीएमओ सुधीर कुमार ने पोकलेन से डबरी खुदवाकर पानी एकत्रित करने में जुट गए है। जिससे मई-जून माह के भीषण गर्मी में भी लोगों को सप्लाई वाटर मुहैया करवाया जा सके।
सीएमओ सुधीर कुमार ने आज रविवार को बताया कि, मई और जून के माह में भीषण गर्मी पड़ती है। अब धीरे धीरे कन्हर भी सूखने लगी है। 15-20 दिन पूर्व से पोकलेन मंगवाकर डबरी खुदवाने की बात अध्यक्ष रमन अग्रवाल से की गई थी, लेकिन पोकलेन आज आई है।
आगे उन्होंने बताया कि, डबरी का निर्माण होने के कारण नगरवासियों को भीषण गर्मी में भी पेयजल आपूर्ति बाधित नहीं होगी। लोगों को समय पर सप्लाई वाटर मुहैया कराई जाएगी।
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