नई दिल्ली। तुर्किये की जिगाना समेत अन्य देशों की महंगी पिस्टल अब आसानी से बड़े गैंगस्टर्स तक पहुंचने लगी है। कुछ माह पूर्व प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या और पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या समेत हाल के वर्षों में कई बड़ी वारदातों में जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया जा चुका है।
ऑस्ट्रिया की ग्लाक, तुर्किये की जिगाना, अमेरिका की तोरस या चीन की स्टार आदि कुछ विदेशी पिस्टल की कीमत अधिक होने के कारण ये पिस्टल बड़े और मध्यम दर्जे के गैंगस्टर्स ही खरीद पाते हैं। ये पिस्टल पहले पाकिस्तान पहुंचती है, वहां से नेपाल व अन्य रास्तों से भारत के अलग-अलग राज्याें में पहुंचाई जाती हैं।
ड्रोन के जरिए भारत आती है पिस्टल
स्पेशल सेल का कहना है कि पहले विदेशी पिस्टल ड्राेन के जरिये सीमापार से पंजाब में आती थीं। वहां से तस्कर डिलीवरी लेकर देशभर के गैंगस्टर्स को बेच देते थे। अब विदेशी पिस्टल का सबसे बड़ा रूट नेपाल बन गया है। पाकिस्तानी तस्कर हवाई मार्ग से विदेशी पिस्टल नेपाल पहुंचा देते हैं वहां से भारतीय तस्कर उसे सड़क मार्गों से यूपी व बिहार के रास्ते दिल्ली व अन्य राज्यों में लाकर गैंगस्टर्स को बेच देते हैं।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि पहले पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन व दिल्ली गेट स्थित आंबेडकर स्टेडियम से लाहौर के लिए चलने वाली बस सेवा से विदेशी हथियारों की स्मगलिंग होती थी। कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान द्वारा समझौता एक्सप्रेस को बंद करने की घोषणा के बाद अगस्त 2019 में इसे बंद कर दिया गया। उसी साल बस सेवा भी बंद कर दी गई। उस ट्रेन व बस से बड़ी संख्या में लोग पाकिस्तान जाते-आते थे, जो पाकिस्तान से मीट के बड़े बर्तन में गोपनीय केविटी बनाकर उसमें विदेशी पिस्टल छिपाकर भारत लाते थे। कई बार जांच एजेंसियों ने तस्करों को दबोचकर उनके कब्जे से विदेशी हथियार जब्त किए थे।
पाकिस्तान से कैराना पहुंचती है पिस्टल
मुजफ्फरनगर के कैराना में इस पिस्टल की तस्करी होती है, क्योंकि वहां रहने वालों की रिश्तेदारियां पाकिस्तान में काफी हैं। तस्कर वहां से जिगाना लाने में कामयाब हो जाते हैं। कई बार जांच एजेंसी कैराना में तस्करों को दबोचकर उनसे विदेशी पिस्टल बरामद कर चुकी है।
पिछले सालों में नेपाल में बने तस्करी के ठिकाने
जून 2018 में उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस ने सीलमपुर के रहने वाले सलीम मोहम्मद उर्फ पिस्टल को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 26 जिगाना की पिस्टल व 800 कारतूस बरामद किए थे। जांच से पता चला था कि उसने पाकिस्तान के तस्कर से सीधी बात कर पिस्टल की बड़ी खेप मंगाई थी। पाकिस्तानी तस्कर उक्त पिस्टल हवाई मार्ग से नेपाल पहुंचा दिया था। वहां से पिस्टल यूपी के रास्ते सड़क मार्ग से दिल्ली आ गई थी। पुलिस का कहना है कि नेपाल हाल के वर्षों में सबसे बड़ा ठिकाना बन चुका है। पाकिस्तानी तस्करों के नेपाल में अपने-अपने ठिकाने हैं जहां वे भारतीय तस्करों की मांग के अनुसार विदेशी पिस्टल पहुंचा देते हैं।
मूसेवाला की हत्या में भी हुआ था जिगाना का इस्तेमाल
लखनऊ, कानपुर, मेरठ, खुर्जा, नोएडा, दिल्ली व पंजाब के कई ऐसे बड़े तस्कर हैं जो पाकिस्तान से अक्सर बडी संख्या में नेपाल के रास्ते विदेशी पिस्टल मंगवा कर गैंगस्टर्स को बेचते हैं। कुछ साल पहले पुलिस ने लारेंस के शूटरों को पिस्टल मुहैया कराने के आरोप में खुर्जा के अरबाज को गिरफ्तार किया था। अरबाज अपने दो सगे भाई रिजवान व रहमान के साथ पाकिस्तान से जिगाना पिस्टल मंगवाकर गैंगस्टर्स को बेचता था।
जिगाना पिस्टल की खासियत
भारत में मध्य प्रदेश, बिहार व यूपी में बनी अवैध पिस्टल से लगातार तीन से चार राउंड ही फायर किए जा सकते हैं। देशी मेड पिस्टल कई बार घोखा भी दे जाती है। गोली बैरल में फंस जाती है। जिगाना पिस्टल से लगातार दर्जनों फायर किए जा सकते हैं। यह झटका नहीं लेती है, जिससे इसका निशाना अचूक होता है। इसलिए किसी बड़े टारगेट पर गैंगस्टर जिगाना, जैसे विदेशी पिस्टल का इस्तेमाल करते हैं, ताकि निशाना अचूक रहे। यह पिस्टल हल्की होती है।