रांची। अपराधियों की गोली से घायल इलाजरत रांची के धुर्वा के पूर्व पार्षद वेद प्रकाश सिंह की मौत दिल्ली के एम्स में शुक्रवार दिन रात हो गई। धुर्वा में बीते सात जुलाई को को अपराधियों ने उन्हें गोली मारी थी। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपित सत्यम पाठक और धीरज मिश्रा अभी भी फरार है। हालांकि रांची पुलिस ने हत्याकांड में शामिल उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले राहुल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
वेद प्रकाश सिंह पर अपराधियों ने उस वक्त हमला किया था, जब वे सात जुलाई की शाम धुर्वा बस स्टैंड के पास स्थित एक चाय दुकान में बैठे थे। इसी दौरान बाइक सवार तीन अपराधी वहां आये। एक अपराधी पैदल ही हाथ में देशी कट्टा लिए वेद सिंह के पीछे पहुंचा और उस पर गोली चलाना शुरू कर दी। फायरिंग में वेद सिंह को तीन गोली लगी। जबकि दो अपराधी बाइक पर ही बैठे थे। फायरिंग के समय चाय दुकान में भगदड़ मच गयी थी। आनन फानन में उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घटना के विरोध में आक्रोशित लोगों ने 8 जुलाई को अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर इलाके के सभी दुकानों को बंद रखी थी।
पुलिस जांच में पता चला था कि धीरज मिश्रा ने राहुल को बताया था कि साल 2018 में वो अपनी स्कॉर्पियो से दशहरा के समय रांची गया था, तो धुर्वा बस स्टैंड में दशहरा के जुलुस में स्कॉपियो घुसाने के कारण धुर्वा रांची के वार्ड पार्षद वेद प्रकाश सिंह से उसका झगड़ा हो गया था। धीरज मिश्रा ने बताया था कि वेद प्रकाश सिंह और उसके समर्थकों ने उसके साथ मारपीट की थी और स्कॉपियो को भी तोड़ दिया था। धीरज ने राहुल को कहा था कि बहन की शादी के बाद वेद प्रकाश सिंह को गोली मारकर बदला लेंगे। इस पर राहुल ने कहा था कि तुम मुझे कुछ खर्चा दे देना, हम साथ में रहेंगे। इसके बाद दोनों के बीच इस घटना के लिए 70 हजार रुपये देने की बात हुई थी।
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