हजारीबाग। धरती आबा बिरसा मुंडा के 147 वें जयंती के अवसर पर बस स्टैंड स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद सीपीएम कार्यालय में ” उलगुलान का सौदा मंजूर” नहीं विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें सीपीएम नेता गणेश कुमार सीटू ने कहां की बिरसा मुंडा के 125 वीं जयंती के अवसर पर झारखंड राज्य का निर्माण हुआ और झारखंड राज्य के निर्माण के तत्काल बाद जो सरकार झारखंड में बनी वह बिरसा मुंडा के उलगुलान का सौदा करने लगी देखते-देखते सरकार ने 27 अगस्त 2008 तक 74 बड़े परियोजनाओं के लिए बड़े उद्योगपतियों के साथ एम ओ यू साइन कर दिया. इस एमओयू के आधार पर आर्सेलर मित्तल कंपनी को स्टील प्लांट के लिए 25000 एकड़, टाटा स्टील को ग्रीन फील्ड परियोजना एवं जमशेदपुर प्लांट के विस्तार के लिए 30500 एकड़, भूषण स्टील के 2 परियोजनाओं के लिए 10400 एकड़ जमीन की एम ओ यू साइन किया गया. आज तक झारखंड सरकार ने कुल 98 एम ओ यू पर साइन किया है. इन तमाम एम ओ यू यदि लागू होती है तो झारखंड की लगभग 2 लाख एकड़ जमीन उद्योगपतियों को सरकार सौंप देगी. ऐसी स्थिति में झारखंड के गांव के गांव उजड़ जाएंगे.
जिससे सबसे अधिक बिरसा मुंडा के आदिवासी लोग प्रभावित होंगे और जिस जल जंगल जमीन के लिए बिरसा मुंडा ने उलगुलान कर अंग्रेजों से लोहा लिया था वह उलगुलान समाप्त हो जाएगा. आदिवासी मूलवासी दर-दर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर हो जाएंगे. बिरसा मुंडा की शहादत के बाद झारखंड के आदिवासियों में अंग्रेजो के खिलाफ असंतोष काफी बढ़ गया इस असंतोष को दबाने के लिए अंग्रेजों ने छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट 1908 बनाया और आदिवासियों को बताया कि आपकी जमीन की सुरक्षा इस कानून से हम लोग करेंगे लेकिन बहुत ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि जिस राज्य की स्थापना बिरसा मुंडा के नाम पर और उनके जयंती पर किया गया उसी राज्य में आदिवासियों को बेदखल करने के लिए उपरोक्त एम ओ यू साईन किया गया है.
यह बड़ी विडंबना है कि अंग्रेजों ने पीपुल इंटरेस्ट ” जनहित” के नाम पर और आजादी के बाद नेशनल इंट्रेस्ट ” राष्ट्रहित” के नाम पर आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों के जमीन को लूटा गया और इन ग्रामीणों को राष्ट्रहित से बाहर रखा गया जैसे लोग जूता और चप्पल को बाहर रखते हैं. इसलिए आज यह जरूरी है कि बिरसा मुंडा के उलगुलान के आदर्शों को जिंदा रखते हुए जल, जमीन, जंगल के रक्षक के लिए आंदोलन को तेज करना होगा तभी हम लोग बिरसा के सपनों को साकार कर सकते हैं वरना सिर्फ बिरसा मुंडा के प्रतिमा को माला पहनाने से बिरसा के सपना साकार नहीं होगा. सेमिनार की अध्यक्षता जिला सचिव ईश्वर राम ने किया इस अवसर पर तपेश्वर राम, विजय मिश्रा, लक्ष्मी नारायण सिंह, सुरेश दास, ननकू राम, किरण देवी, अंजू देवी, वीणा देवी, सुमित्रा देवी, सहदेव राणा सहित कई पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इसमें भाग लिया.