हजारीबाग। झारखंड के प्रतिष्ठित विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग में एक और बड़ा विवाद सामने आया है! बिना किसी साक्ष्य, बिना किसी छात्र की शिकायत और बिना उचित जांच के एलएलएम परीक्षा को रद्द कर दिया गया! क्या यह शिक्षा के नाम पर एक सुनियोजित साजिश है? क्या पूर्व कुलपति के घोटाले छुपाने के लिए छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है?
क्या है पूरा मामला?
विनोबा भावे विश्वविद्यालय में कई वर्षों बाद स्नातकोत्तर विधि (एलएलएम) की प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई, जो पूरी तरह शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न हुई। लेकिन जैसे ही पूर्व कुलपति के वित्तीय घोटाले उजागर होने लगे, विश्वविद्यालय का माहौल बदल गया।
विश्वविद्यालय के एक बड़े अधिकारी के इशारे पर काम करने वाले एक कथित छात्र संगठन ने परीक्षा में अनियमितता का झूठा आरोप लगाते हुए राजभवन में शिकायत की।
ध्यान देने वाली बात यह है कि:
- किसी भी परीक्षार्थी ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई थी।
- परीक्षा में मजिस्ट्रेट की उपस्थिति थी, फिर भी रद्द कर दी गई।
- परीक्षा में शामिल शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- पूर्व कुलपति से जुड़े घोटाले उजागर होते ही यह फैसला लिया गया।
छात्र नेताओं का फूटा गुस्सा
झारखंड छात्र मोर्चा के नेता चंदन सिंह ने कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि “यह पूरा षड्यंत्र सिर्फ घोटाले पर पर्दा डालने और लॉ कॉलेज को बर्बाद करने के लिए किया गया है। हमने ठोस साक्ष्य दिए, लेकिन राजभवन ने मिथलेश सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टा, एक मनगढ़ंत शिकायत पर परीक्षा रद्द कर दी गई!”
छात्र नेता लड्डू यादव ने कहा, झारखंड छात्र मोर्चा विश्वविद्यालय हितों की लड़ाई जारी रखेगा। यह अन्याय स्वीकार्य नहीं!” विभावि के अंदरूनी मामलों को लेकर छात्र और शिक्षक दोनों असंतोष में हैं। अख़्तर ने कहा, शिक्षकों पर की गई कार्रवाई बेहद शर्मनाक है। क्या विश्वविद्यालय प्रशासन और राजभवन सिर्फ अपने चहेतों को बचाने के लिए काम कर रहा है?”
क्या हो रही है साजिश?
• परीक्षा के बाद अचानक रद्द करने का फैसला क्यों?
• परीक्षा में मजिस्ट्रेट की मौजूदगी के बावजूद धांधली का आरोप कैसे?
• परीक्षा प्रक्रिया में शामिल शिक्षकों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं?
• अगर मुद्दा अनुशासन का था, तो प्रॉक्टर पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
• पूर्व कुलपति के घोटाले पर चुप्पी क्यों?
झामुमो छात्र मोर्चा की मांगें
- एलएलएम परीक्षा को पुनः बहाल किया जाए।
- विश्वविद्यालय को हुए नुकसान की भरपाई दोषियों से करवाई जाए।
- पूर्व कुलपति के घोटाले की निष्पक्ष जांच हो।
- छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो।
झामुमो छात्र मोर्चा ने दी आंदोलन की चेतावनी
मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि छात्रों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अगर जल्द से जल्द न्याय नहीं मिला, तो यह आंदोलन और भी तेज़ होगा।
मौके पर पर छात्र मोर्चा के साजन मेहता और सुनील कुमार भी मौजूद थे।
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