नई दिल्ली (विष्णु पांडेय)। भारतीय टीम के ‘चेज़ मास्टर’ और टी20 वर्ल्ड कप 2022 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले विराट कोहली अपना 34वां जन्मदिन मना रहे हैं। विराट कोहली का नाम सुनते ही पाकिस्तान के खिलाफ टी20 वर्ल्ड कप 2022 में खेली गई 82 रनों की पारी, मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई इनिंग समेत कई मैच विनिंग पारियां याद आती हैं। विराट कोहली का नाम आज दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार है और इसके पीछे उनका खेल के प्रति प्यार और समर्पण हैं जिसने दिल्ली के एक साधारण परिवार के लड़के को इन बुलंदियों तक पहुंचाया हैं।
विराट कोहली का जन्म 5 नवंबर 1988 को दिल्ली में एक पंजाबी परिवार में हुआ था उनके पिता प्रेम कोहली पेशे से एक वकील थे और मां सरोज एक हाउसवाइफ है। वह अपने परिवार में सबसे छोटे हैं उनका एक बड़ा भाई और उनकी एक बड़ी बहन भी है, विराट की मां कहती है जब वह 3 साल के थे तभी से उन्होंने बैट पकड़ लिया था और अपने पापा को अपने साथ खेलने के लिए हमेशा परेशान किया करते थे।
विराट के शौक को देखते हुए उनके पिता ने 9 साल की उम्र में उन्हें क्रिकेट अकादमी ज्वाइन करा दी जहां पर उन्हें उनके कोच राजकुमार शर्मा ने ट्रेनिंग दी। विराट कोहली ने क्रिकेट में शुरुआत अक्टूबर 2002 से की थी जब उन्हें पहली बार दिल्ली के अंडर 15 में शामिल किया गया था. उस समय विराट ने 2002 और 2003 की Polly Umrigar Trophy में पहली बार प्रोफेशनल क्रिकेट खेला था साल 2004 के अंत तक उन्हें दिल्ली अंडर 17 टीम का सदस्य बना दिया।
पिता की मौत के अगले ही दिन मैदान पर पहुंचे और पूरा किया मैच
विराट कोहली उनके पिता से बेहद प्रेम करते थे और उनके पिता ने भी उन्हें हमेशा एक अच्छा क्रिकेटर बनने को कहा था। सन 2006 में जब वे कर्नाटक की तरफ से खेल रहे थे तो मैच के बाद जब वे घर पहुंचे तो अचानक उनके पिता की तबीयत खराब हो गई और उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। पिता की मौत के बाद भी कोहली बिल्कुल नहीं रोए और अगले ही दिन सुबह कोच को फोन करके कहा कि मैं मैच खेलूंगा।
विराट के इस जज्बे को देखकर उनके कोच भी हैरान थे। विराट ने एक इंटरव्यू में इसका जिक्र भी किया था और कहा था कि मेरे लिए कोई भी मैच छोड़ना मंजूर नहीं था और इसीलिए मैंने वो मैच पूरा किया और फिर पिता के अंतिम संस्कार में गया।
2006 में अंडर-19 में टीम में हुआ चयन
जुलाई 2006 में विराट को भारतीय टीम के अंडर-19 में चुन लिया गया। और इसी के साथ उनका पहला दौरा इंग्लैंड का था और अपने तीन एकदिवसीय मैच में उन्होंने 105 रन बनाये। और साल 2008 में उन्हें भारतीय टीम के अंडर-19 का कप्तान बना दिया गया। और इसके बाद मलेशिया में होने वाले मैच में उन्होंने अपना शानदार प्रदर्शन किया और टीम को जीत दिलाई।
2009 में भारतीय टीम के लिए किया डेब्यू
साल 2009 में उन्हें इंडियन क्रिकेट टीम के श्री लंका दौरे के लिए चुन लिया। इस टूर में उन्हें टीम इंडिया की टीम A की तरफ से खेलने का मौका मिला। वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर के Injured होने पर विराट को बैटिंग करने के लिए बुलाया गया और इस मैच में विराट ने अपना पहला एकदिवसीय अर्धशतक बनाया। और वो सीरीज भारत जीत गया।
टीम इंडिया में चयन के बाद कोहली ने मुड़कर नहीं देखा और धीरे-धीरे वे हर फार्मेट में टीम से जुड़ते गए। 2011 में भारतीय टीम द्वारा जीते गए वर्ल्ड कप की टीम का वो भी हिस्सा थे वहीं बाद में 2016 में उन्हें कप्तानी करने का भी मौका मिला। फिलहाल वे भारतीय टीम के एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं और टी20 वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं।