पटना : 2024 लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में विपक्षी एकता के लिए 18 दलों की बैठक बुलाई है। बैठक से 10 दिन पहले मंगलवार को बिहार की महागठबंधन सरकार से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के एक मंत्री ने इस्तीफा दे दिया। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे डॉ. संतोष सुमन ने नीतीश कुमार को इस्तीफा भेज दिया है। सुमन अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री हैं। बिहार में पार्टी के 4 विधायक हैं।
इस्तीफा देने के बाद संतोष सुमन ने कहा- नीतीश कुमार हमारा अस्तित्व खत्म करना चाहते हैं। वे हमारी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का विलय अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड में करवाना चाहते हैं। पार्टी बचाने के लिए हमने इस्तीफे का विकल्प चुना है। अभी हम सरकार से अलग हुए हैं, महागठबंधन से नहीं। महागठबंधन में रखना है या नहीं यह लालू और नीतीश तय करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, मांझी के एनडीए में जाने की चर्चा है।
NDA में जाने पर अभी फैसला नहीं
NDA में जाने के सवाल पर संतोष सुमन ने कहा- इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। हम अकेले भी चुनाव लड़ सकते हैं। फिलहाल हम महागठबंधन के साथ है। हम तो रहना चाहते हैं, लेकिन बड़ी पार्टियां जदयू और आरजेडी हम को नहीं रखना चाहती हैं।
नीतीश कुमार के मनाने और समझाने की बात तो तब होती है जब आपका अस्तित्व रहे, इसलिए हमने पार्टी को चलाने के लिए अलग होने का फैसला लिया है। जब नीतीश कुमार से हमारी आखिरी मीटिंग हुई, उससे पहले भी हमारे सामने प्रस्ताव रखा गया था। जब एक बार इस्तीफा दे दिया तो फिर वापस लेने की बात कहां है।
इस्तीफे पर JDU और RJD ने क्या कहा
संतोष सुमन के इस्तीफे पर JDU और RJD का बयान आया है। JDU की मंत्री लेशी सिंह ने कहा- नीतीश जी ने जीतन राम मांझी को CM बनाया था। ऐसे लोग आते-जाते रहते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ेगा। RJD प्रवक्ता शक्ति सिंह ने कहा- पद से इस्तीफा देना झटका नहीं है। कैबिनेट में नहीं रहने का फैसला उनका है। 2015 में भी कई बार इधर-उधर हुए थे, फिर लौट कर आए। वो उन्हीं लोगों के पास जाना चाहते हैं जिन्होंने उनके मंदिर जाने के बाद उसे धुलवाया था।
महागठबंधन में अनदेखी के आरोपों पर उन्होंने कहा कि लोग हटते हैं तो अनदेखी का आरोप लगाते हैं। अब तक कैबिनेट में थे तो अनदेखी नहीं हो रही थी क्या? जन्नत का रास्ता किसने-किसको दिखाया है, ये हम नहीं जानते हैं क्या?
BJP बोली-उल्टी गिनती शुरू
पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि महागठबंधन का हाल यही हुआ है सब बिछड़े बारी-बारी। महागठबंधन सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। जिस तरह का उन पर दबाव बनाया जा रहा था, इससे तंग आकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया। नीतीश कुमार विपक्षी दलों को इकट्ठा करने के लिए 23 जून को बैठक कर रहे हैं। यहां खुद जो उनके साथ हैं उनका साथ छोड़ रहे हैं।
बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि जीतन राम मांझी कोई भी निर्णय सोच-समझ कर निर्णय लेते हैं। संतोष मांझी ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है, ये उनका अंदरूनी निर्णय है। पिछले दिनों उन्होंने दलितों के दमन-उत्पीड़न को लेकर आवाज उठाई थी। इस पर महागठबंधन के नेताओं ने ध्यान नहीं दिया। ये लोग जीतन राम मांझी को इस्तेमाल करते रहे।
चौधरी से मिलने गए थे मांझी
जीतन राम मांझी मंगलवार को अचानक वित्त मंत्री और सीएम नीतीश के नजदीकी विजय चौधरी के आवास पहुंचे। मांझी के साथ बेटे और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष सुमन भी थे। दोनों ने विजय चौधरी से लगभग आधे घंटे तक बात की। मंत्री विजय चौधरी से मुलाकात के बाद जीतन राम मांझी ने कहा है कि विजय चौधरी नीतीश कुमार के करीबी हैं। नीतीश कुमार ने कहा है कि मांझी की हर परेशानियों को विजय चौधरी देखेंगे। इसलिए अपनी परेशानी बताने गए थे।
महागठबंधन छोड़ बीजेपी के पाले में जाने के सवाल पर जीतन राम मांझी ने कहा है कि बीजेपी ऐसा चाहती है तो उनका शुक्रिया। अभी हम महागठबंधन के साथ हैं।
कैबिनेट की बैठक का समय बदला
बिहार कैबिनेट की 11:30 बजे मीटिंग होने वाली थी, जिसे आगे बढ़ाकर शाम 4:30 बजे कर दिया गया था। डॉ. संतोष सुमन अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री थे।
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