रांची: पैसे लेकर झारखंड क्रिकेट टीम से बाहरी खिलाड़ियों को खेलने के मामले में बीते दिनों एक ऑडियो वायरल हुआ. इस ऑडियो में झारखंड अंडर-23 टीम से खेल चुके मेरठ निवासी संदीप सिंह और एक नवोदित खिलाड़ी की आवाज है. नवोदित खिलाड़ी पूर्व अंडर-23 खिलाड़ी संदीप से झारखंड टीम में चयन की प्रक्रिया और उसमें आनेवाले खर्च के बारे में सलाह-मशविरा करता है. ऑडियो में एक शख्स ‘पीएन’ का नाम बार-बार आता है. जो पैसे लेकर राज्य टीम में खिलाड़ियों को जगह दिलाने का काम करता है. वहीं, इसमें एक दुसरे शख्स ‘देव भैया’ का भी नाम आता है, जो खिलाड़ियों और ‘पीएन’ के बीच कड़ी का काम करता है.
ऑडियो में नवोदित खिलाड़ी कहता है कि झारखंड से खेलने के के नाम पर ‘पीएन’ सर उससे आठ लाख रूपए मांग रहे है. इसके बाद वह नवोदित खिलाड़ी संदीप (पूर्व अंडर-23 क्रिकेटर) से आग्रह करता है, कि वह इस बारे में ‘पीएन’ सर से बात कर किसी तरह रेट कम करवाए. इस पर संदीप बताता है कि झारखंड से खेलने के लिए अब तक 25 लाख रूपए खर्च कर चूका है और उससे यानी नवोदित खिलाड़ी से जो डिमांड की गई है, वह कम है. ऑडियो अक्टूबर से दिसंबर 2018 के बीच का बताया जा रहा है. ऑडियो वायरल होने से ठीक एक दिन पहले ही बीसीसीआइ के भ्रष्टाचार ब्यूरो ने झारखंड-बिहार टीम बाहरी खिलाड़ियों से पैसा लेकर उन्हें खेलाने संबंधी स्टिंग ऑपरेशन के बाद मामला दर्ज कराया है.
बीडीसीए के कोषाध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा
बोकारो जिला क्रिकेट संघ के सचिव अरविंद कुमार ने बताया कि शनिवार को जेएससीए की तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए बोकारो आयी थी. जांच पूरी होने के बाद जो भी निर्देश मिलेगा उस पर संघ अमल करेगा. कहा कि जो भी आरोप कोषाध्यक्ष संजय पांडेय पर लगे है. उसे देखते हुए उन्होंने 13 अप्रैल को इस्तीफा दिया था, जिसे बीडीसीए ने स्वीकृत कर लिया है.
जांच कमेटी जल्द देगी रिपोर्ट
माना जा रहा है कि कमेटी जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर जेएससीए को सौंप देगी. तीन सदस्यीय कमेटी अभी खिलाड़ियों, अभिभावकों के अलावा आरोपितों से भी बात कर रही है. सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों से बात करने के बाद रिपोर्ट तैयार कर सौपी जाएगी. बताया जा रहा है झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के अधिकांश पदाधिकारी मामले को रफा-दफा करना नहीं चाह रहे है. वह कड़ा निर्णय लेकर अन्य को संदेश देना चाहते है कि गलत काम नहीं करें.
इससे पहले कोडरमा में भी हुई थी गड़बड़ी
इस संबंध में कोडरमा जिला क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव अरुण सूद से नई कमेटी के गठन का कारण पूछा तो पीएन सिंह के सवाल के जवाब से बचते हुए सिर्फ एक बात कही ये ऊपर से आदेश था. अर्थात ये सोची समझी राजनीति के तहत किया गया. उनके द्वारा गठित नई कमेटी के द्वारा यूपी से आए क्रिकेट खिलाड़ियों कोडरमा जिला की क्रिकेट टीम में स्थान दिलाने के लिए मोटी रकम लेने का मामला भी प्रकाश में आया था.
कोडरमा जिला क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव ने जब इसकी शिकायत जिला में रहे उपायुक्त राजेश कुमार शर्मा तथा उस वक्त कोडरमा में रहे एसपी शंभू ठाकुर से की गई तो उन दोनों ने एक जांच कमेटी का गठन कर इसकी तहकीकात करवाई, तो उन्होंने नवनिर्मित कमेटी को दोषी पाया था. क्रिकेट जैसे साफ-सुथरा और प्रेरणादायक खेल को चंद लोगों ने निजी फायदे के लिए व्यापार बना दी. उन्होंने यह भी बताया कि यही कारण है कि छोटे जिलों से प्रतिभावान खिलाड़ी राज्य स्तरीय खेलों में अपना उचित स्थान नहीं ले पाते.
बोकारो प्रकरण पर पूछने पर उन्होंने बताया कि इससे बड़ा घिनौना कार्य और क्या हो सकता है. जो होनहार खिलाड़ियों के अभिभावकों से मोटी रकम की डिमांड कर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. अब समय आ गया है कि ऐसे नकाबपोशों का नकाब उतारकर खेल भावना को आगे किया जाए ताकि प्रतिभावान खिलाड़ी अपनी प्रतिभा से जिला और राज्यस्तरीय खेलों में अपना स्थान सुनिश्चित कर सकें.
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