रांची : राज्य में अब एच3एन2 इन्फ्लुएंजा वायरस ने दस्तक दे दी है. जमशेदपुर में शनिवार को 68 वर्षीय महिला इस वायरस की चपेट में आ गई है. डोक्टरों के मुताबिक उसका फेफड़ा 35 प्रतिशत से अधिक खराब हो चूका है. टीएमएच महिला भारती थी.
साकची की इस महिला को बीते 13 मार्च को बुखार, खांसी और सांस फूलने की शिकायत थी. 16 मार्च को टीएमएच में महिला को भारती कराया गया. फिर सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया. सिविल सर्जन डॉक्टर जुझार मांझी ने कहा कि संभावित लक्षण वाले छह मरीजों के सैंपल जांच के लिए माइक्रो वायरोलॉजी लैब में भेजे गए थे. इनमे महिला मरीज में वायरस की पुष्टि हुई.
महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद परिवार के चार अन्य सदस्यों को भी जिला सर्विलांस विभाग ने घर में आइसोलेट कर दिया है. उनके सैंपल भी लिए गए हैं. इनमें से दो लोगों को हल्की सर्दी-खांसी है. पीड़ित महिला की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है.
मरीज मिलने के बाद स्वास्थ विभाग अलर्ट
संक्रमित मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. सभी अस्पतालों को एहतियात बरतने का निर्देश दिया गया है. उन्हें लक्षण वालों मरीजों का सैंपल जांच कराने को कहा है. जिला सर्विलांस विभाग के महामारी रोग पदाधिकारी डॉ. असद ने कहा कि सर्दी, बुखार और बदन दर्द आदि इसके प्रारंभिक लक्षण हैं.
इन्फ्लुएंजा का म्यूटेंट वैरिएंट है एच3एन2
एमजीएम वायरोलॉजी लैब की हेड डॉ. पियाली गुप्ता के मुताबिक एच3एन2 वायरस इन्फ्लुएंजा एच1एन1 का म्यूटेंट वैरिएंट है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को शिकार बना सकता है. इसका लक्षण भी अन्य सीजनल फ्लू जैसे सर्दी-खांसी, नाक बहना, जी मिचलाना, शारीरिक दर्द, उल्टी और डायरिया जैसा ही है. क्योंकि इस वायरस का हेड ऑफ फैमिली इन्फ्लुएंजा ही है. आम फ्लू की समस्या औसतन 4-5 दिनों में ठीक हो जाती है, पर यह संक्रमण ज्यादा समय तक रहता है. इससे फेफड़ा तेजी से खराब हो सकता है, जिससे मरीज की जान भी जा सकती है.
बिना डॉक्टर की सलाह लिए खुद एंटीबायोटिक न लें
मेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक कोरोना और एच3एन2 के कई लक्षण समान हैं. पर कोरोना सिंगल वायरस है, जबकि इन्फ्लुएंजा वायरसों का झुंड है. इन्फ्लुएंजा हर साल एंटीजनिक स्ट्रक्चर बदलता है. इसी कारण अब तक वन टाइम वैक्सीन नहीं बन पाई है. वायरल होने पर खुद एंटीबायोटिक नहीं लेनी चाहिए. वायरल होने पर 48 घंटे में डॉक्टर के पास पहुंचें. मास्क पहनें. धूल-धुएं से दूर रहें.
रिम्स में 200 किट पहुंची, अब तक सिर्फ 1 जांच
केंद्र का निर्देश आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने जांच बढ़ाने और लक्षण वाले मरीजों के सैंपल रिम्स और एमजीएम जमशेदपुर भेजने का निर्देश दिया था. लेकिन एक सप्ताह बाद भी रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी लैब में अब तक सिर्फ एक सैंपल की ही जांच हो सकी है. जांच का हाल यह है कि शनिवार को इन्फ्लुएंजा के लक्षण वाले 17 मरीज रिम्स ओपीडी में पहुंचे. दवाई लिखवाने के बाद सभी वापस लौट गए. किसी का सैंपल नहीं लिया गया.
रिम्स में 24, सदर अस्पताल रांची में 20 बेड हैं सुरक्षित
संक्रमण की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी डीसी और सिविल सर्जन को सतर्कता बरतने का आदेश दिया है. रांची सदर अस्पताल के नए भवन में 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है. यहां ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, एचएफएनसी आदि की व्यवस्था की गई है. वहीं रिम्स प्रबंधन के मुताबिक आइसोलेशन वार्ड में 24 बेड सुरक्षित रखे गए हैं.
इधर, कोरोना के भी पांच नए मरीज मिले, अब 10 एक्टिव केस
एच3एन2 इन्फ्लुएंजा के खतरों के बीच कोरोना के मरीज भी एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. झारखंड में शनिवार को कोरोना के पांच नए पॉजिटिव केस मिले. इनमें दो मरीज रांची के, दो पूर्वी सिंहभूम के और एक देवघर के हैं. इससे पहले रांची में दो, पूर्वी सिंहभूम में एक, लातेहार में एक और देवघर में कोरोना का एक सक्रिय मरीज था. इसके साथ ही अब झारखंड में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 10 पर पहुंच गई है.
ये भी पढ़िए….