इस्लामाबाद : महंगाई और भुखमरी से लड़ रहे पाकिस्तान में एक आफत आई है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। सरकार ने गुरुवार से पेट्रोल में 22 तो डीजल में 17 रुपए की बढ़ोतरी की है। आज से एक लीटर पेट्रोल अब 272 रुपए का तो एक लीटर डीजल 280 रुपए का हो गया है। इस तरह पिछले एक महीने में पेट्रोल 58 रुपए और डीजल 53 महंगा हुआ। 16 जनवरी को पेट्रोल की कीमत 214.80 रुपए तो डीजल की कीमत 227.80 रुपए थी।
पाकिस्तान के फाइनेंस डिवीजन ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की वजह पाकिस्तानी करेंसी (रुपए) में आई गिरावट को बताया है। जिओ न्यूज के मुताबिक, इस समय पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा का भारी संकट है। इससे आयात और निर्यात पर असर पड़ रहा है। महंगाई बढ़ रही है। आईएमएफ (IMF) कर्ज नहीं दे रहा है। IMF ने कर्ज के लिए सख्त शर्तें रखी हैं। इनमें डीजल और पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी भी शामिल है।
शाहबाज सरकार मिनी बजट इसलिए लाया…
पाकिस्तान की शाहबाज सरकार ने पिछले हफ्ते ऐलान किया था कि सरकार IMF बेलआउट पैकेज को अनलॉक करने के लिए चार महीनों में 170 बिलियन पाकिस्तानी रुपए जुटाने के लिए एक मिनी-बजट पेश करेगी। इसी के चलते पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में 15 फरवरी को एक बजट पेश किया। इसके तहत कई तरह के टैक्स में बढ़ोतरी की गई है। जिसका सारा भार महंगाई और भुखमरी की कगार पर पहुंच चुकी पाकिस्तान की जनता को उठाना होगा।
जून तक महंगाई दर 33% हो जाएगी
पाकिस्तान में केवल पेट्रोल ही नहीं, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाला केरोसिन, लाइट डीजल और हाई स्पीड डीजल के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। इससे देश में महंगाई और भी ज्यादा बढ़ जाएगी। मूडी एनालिटिक्स के सीनियर इकोनॉमिस्ट कैटरिना एल के मुताबिक, इससे 2023 की पहली छमाही (जून तक) में पाकिस्तान में महंगाई दर बढ़कर 33% हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि देश की इकोनॉमी को वापस ट्रैक पर लाने के लिए IMF का लोन भी काफी नहीं रहेगा।
मिनी बजट में प्रस्तावित टैक्स
- लग्जरी आइटम्स पर GST 17% से बढ़ाकर 25%
- व्यापार और प्रथम श्रेणी के हवाई टिकटों पर टैक्स को बढ़ाकर रु. 20,000 या 50% कर दिया जाएगा।
- मैरिज हॉल पर 10% एडवांस इनकम टैक्स।
- सिगरेट, सॉफ्ट ड्रिंक्स पर भी टैक्स बढ़ेगा।
- स्टैंडर्ड GST 17% से बढ़ाकर 18% किया जाएगा।
लोन अप्रूव किए बिना लौट गई थी IMF की टीम
आर्थिक तंगहाली से परेशान पाकिस्तान बेलआउट पैकेज को लेकर IMF के साथ कोई डील फाइनल नहीं कर पाया था। बेलआउट पैकेज को लेकर दोनों के बीच 10 दिनों से जारी बातचीत बेनतीजा रही थी। अब माना जा रहा है कि IMF को रिझाने के लिए पाकिस्तान धीरे-धीरे उसकी शर्तों को मान रहा है। इसका खामियाजा वहां की जनता को उठाना पड़ेगा।
IMF के पास महीनों से अटकी पड़ी पाकिस्तान की तीसरी किश्त
पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाने के लिए IMF की तीसरी किश्त महीनों से अधर में लटकी हुई है। दरअसल पाकिस्तान का कहना है कि लोन देने के लिए IMF ने बहुत कड़ी शर्तें रखी हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने इन शर्तों को लेकर कहा था कि से हमारी सोच से भी ज्यादा सख्त और खतरनाक हैं, लेकिन क्या करें? हमारे पास कोई और चारा भी तो नहीं है।
IMF चाहता है कि पाकिस्तान सरकार इलेक्ट्रिसिटी और फ्यूल 60% महंगा करे। साथ ही टैक्स कलेक्शन दोगुना करने को कहा गया है। अगर सरकार यह शर्तें मान लेती है तो महंगाई अभी से करीब-करीब दोगुनी यानी 54 से 55% तक हो जाएगी।
पाकिस्तान का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व 9 साल में सबसे कम
10 फरवरी को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान के पास अब केवल 3 बिलियन डॉलर का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व बचा है। जो पिछले 9 सालों में सबसे कम है।ये रिजर्व पिछले 18 महीनों से लगातार घट ही रहा है। इससे पाकिस्तान के पास इंपोर्ट की जाने वाली चीजों के लिए पैसों की कमी हो रही है।
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