बिलासपुर : बिलासपुर में किसान नेता राकेश टिकैत ने हसदेव अरण्य को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोल माइंस बड़ा मुद्दा है, यहां की जनता की जमीनों को लूटा जा रहा है और उन्हें बेघर किया जा रहा है। अगर किसान जमीन देने के लिए तैयार नहीं है, तो कोल माइंस नहीं लगाना चाहिए।
टिकैत ने सवाल करते हुए कहा कि, एनजीटी क्या कर रही है। जब एक पेड़ कटते हैं, तो नोटिस जारी हो जाता है। यहां तो पूरा जंगल ही उजाड़ दिया गया। फिर भी कोई नोटिस नहीं है। जंगल को उजाड़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकार जिम्मेदार हैं। पूरे देश में इसकी खिलाफत होनी चाहिए। इस दौरान टिकैत ने छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों की भी तारीफ की है। उन्होंने कहा कि यहां कि कुछ नीतियों को तो पूरे देश में लागू करना चाहिए।
हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन के किसान महासम्मेलन के लिए छत्तीसगढ़ पहुंचे राकेश टिकैत बिलासपुर में हसदेव अरण्य को बचाने पिछले लंबे समय से जारी आंदोलन में भी शामिल हुए। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतें जब विरोध कर रही है, तो जंगल और नदियों को बचाने का प्रयास करना चाहिए। जंगल बचाने की मुहिम पूरे देश में चलनी चाहिए। जंगल बचेगा तो नदियां बचेगीं और पर्यावरण बचेगा। तभी हमारा जीवन रहेगा। हम नई कोल माइंस के खिलाफ जारी इस आंदोलन के साथ हैं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता पर्यावरण प्रदूषण की समस्या झेल रही है। जो बिजली बन कर जा रही है और देश के लोग जो सुविधाएं ले रहे हैं, उसका खामियाजा यहां की जनता भुगत रही है। ऐसे में उनकी समस्याओं को हमें ख्याल रखना चाहिए।
तीन काले कानून देश की बड़ी बीमारी थी
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई 90 साल लड़ी गई। अभी उनका आंदोलन शुरू हुआ है। अगर दिल्ली का आंदोलन न होता तो केंद्र सरकार क्या करती, अभी उनकी नजर किसानों की जमीनों पर है। तीन काले कानून आने वाली बीमारी थी, जैसे कोरोना बीमारी आई तो खत्म हुई तो हॉस्पिटल तो बंद नहीं हुए। वैसे ही आंदोलन बंद हो जाएगा तो खेत बंजर हो जाएंगे पूरा सिस्टम भी बंजर हो जाएगा। देश में बड़े व्यापारियों की नजर किसानों की जमीनों पर है, इसलिए वे लोग जमीनों में पैसे लगा रहे हैं। यह एक बहुत बड़ा षडयंत्र चल रहा है। हमे अपनी जमीन बचाने के लिए आंदोलन तो करना ही होगा।
केंद्र सरकार के खिलाफ पूरे देश में है वैचारिक आंदोलन
राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कब छिड़ेगा यह तो नहीं पता। लेकिन, सरकार के खिलाफ पूरे देश में वैचारिक आंदोलन का माहौल है। पूरे देश में आने वाला आंदोलन वैचारिक क्रांति होगी। उन्होंने कांग्रेस और भाजपा का नाम लिए बिना कहा कि 2014 से पहले युवाओं में जो क्रांति थी, उनकी आज भाषा बदल गई है। उन्हें दो करोड़ नौकरियां देने की बात कही गई थी। लेकिन, आज उन्हें अग्निवीर मिला। इसी तरह 15 लाख रुपए की जगह 5 किलो अनाज दिया गया। आज लोग अनाज पर बात करते हैं कि मिलेगा कि नहीं। उन्हें इन सब बातों को याद दिलाना है।
UP में कैमरा और कलम पर बंदूक का पहरा
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तरप्रदेश में कैमरा और कलम पर बंदुक का पहरा है। वहां देश के कानून को नहीं मानते। सत्ता मिल गई है तो उसका दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम तो नानपालिटिकल हैं, हम देश के लोगों को आगाह बस कर रहे हैं। आने वाले 2024 में देश में नेशनल चैनल बनेगा, उसी से मीडिया को खबरें उठानी पड़ेगी।
टिकैत बोले- छत्तीसगढ़ की नीति देश में लागू हो
छत्तीसगढ़ की किसान नीति की राकेश टिकैत ने तारीफ करते हुए कहा कि कुछ नीतियों को पूरे देश में लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की कुछ पॉलिसी बेहतर है और कुछ केंद्र सरकार के दबाव में लागू किया गया है।
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