हजारीबाग : सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की रक्षा, संवर्धन, उपयोगिता एवं कार्यकर्ताओं की भूमिका पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार एवं सम्मान समारोह का शुभारंभ शनिवार को सामूहिक रूप से दीप प्रवज्जलित कर किया गया. दो दिवसीय सेमिनार के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश के सूचना आयुक्त राहुल कुमार और अति विशिष्ट अतिथि व वक्ता के रूप में निखिल डे ने भाग लिया.
मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के सूचना आयुक्त ने अपना अनुभव सभी के साथ बांटते हुए कहा कि वह अपने ऑफिस में देखते थे कि बड़े ऑफिसर जब आते थे, तो कुर्सी पर बैठते थे और गरीब तबके का आवेदक खड़ा रहता था. उन्होंने व्यवस्था में बदलाव किया और कहा कि अगर बैठेंगे, तो दोनों बैठेंगे और खड़े रहेंगे, तो दोनों खड़े रहेंगे. तबसे उनके दफ्तर में दोनों प्यार से बैठते हैं. फिर उन्होंने फेसबुक लाइव पर सुनवाई और फैसला करने लगे. इस कारण गरीब से गरीब आदमी अपने घर में बैठकर जो भी अपील की सुनवाई में भाग लेता था और फेसबुक पर लाइव होने से आम जनता भी सुनवाई देखती थी ताकि लोगों के बीच में सूचना अधिकार अधिनियम का प्रचार-प्रसार हो सके.
इस अवसर पर निखिल डे ने संबोधित करते हुए कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम आम जनता का हथियार है. यह सरकारी महकमे में गणेश हेगड़े सूचना को खोदकर निकालने की ताकत एक साधारण आम जनता को देती है. लेकिन दु:ख के साथ कहना पड़ रहा है कि प्रचार-प्रसार के अभाव में यह हथियार आम जनता के हाथों में अब तक नहीं पहुंच पाई है.
अतिथि के रूप में राकेश सोगानी राजस्थान, अजीम खान उत्तराखंड, डॉ चंद्रशेखर दत्त पश्चिम बंगाल, रतन तिर्की, सुमन सिंह व तारामणि झारखंड, बार एसोसिएशन झारखंड के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा, हजारीबाग बार एसोसिएशन अध्यक्ष राजकुमार राजू, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ झारखंड के अध्यक्ष राजेश रंजन दूबे, भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ महासचिव शाहनवाज हसन, अटल अहीर महाराष्ट्र, देवेंद्र अग्रवाल छत्तीसगढ़, विनय मेहता बिहार सहित विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता ने अपने वक्तव्य रखे.
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