नई दिल्ली। छठ पर्व के नहाय खाय के दिन बिहार के संगीत प्रेमियों को बड़ा झटका लगा है। पद्म पुरस्कार से सम्मानित बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा के सुर अब हमेशा के लिए खामोश हो गए। मंगलवार को गायिका शारदा सिन्हा ने 72 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। सोमवार की शाम को ही शारदा सिन्हा की तबीयत अधिक बिगड़ गयी थी और उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा था। मंगलवार को उनके बटे अंशुमान सिंहा ने एक्स पर पोस्ट करके जानकारी दी कि आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है। मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं।
11 दिनों से एम्स में भर्ती थीं
शारदा सिन्हा को 3 नवंबर को ही प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया था। उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा था, जिसके कारण उन्हें फिर से 4 नवंबर को आईसीयू में शिफ्ट किया गया। पिछले 11 दिनों से वे दिल्ली एम्स में भर्ती थीं। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें ऑन्कोलॉजी वार्ड में भर्ती कराया गया था। उन्हें काफी समय से खाने-पीने में दिक्कत हो रही थी, जिसके लिए उनका इलाज भी चल रहा था। 26 अक्टूबर की सुबह उनकी तबीयत काफी ज्यादा खराब हो गई थी।
बेटे ने कहा- मां के लिए दुआ कीजिए
सोमवार शाम यूट्यूब पर लाइव आकर शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन ने लोगों से मां के लिए दुआ करने को कहा था। उन्होंने कहा था ‘मेरी मां वेंटिलेटर पर हैं। उन्हें प्रार्थना और दुआ की बहुत जरूरत है। अब आप सभी लोग प्रार्थना जारी रखिए। एक बड़ी लड़ाई में मेरी मां जा चुकी हैं। इस लड़ाई से जीतना काफी मुश्किल है। यही प्रार्थना कीजिए कि वह लड़कर बाहर आ सकें।’
22 सितंबर को शारदा सिन्हा के पति का हुआ था निधन
इसी साल 22 सितंबर को शारदा सिन्हा के पति ब्रजकिशोर सिन्हा का ब्रेन हेमरेज के कारण निधन हो गया था। शारदा सिन्हा छठ के गीतों के लिए जानी जाती हैं। उनके गाए छठ गीत आज भी लोगों को बेहद पसंद हैं। शारदा सिन्हा के गायिकी की शुरुआत उनके भाई की शादी में गाए एक गीत से हुई थी।
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