लखनऊ। युग रामराज्य का आ गया… नए भारत की नई अयोध्या… अयोध्या का श्रीराम मंदिर… संरचना ऐसी की हजारों वर्ष कायम रहेगी गौरव गाथा। युगों-युगों बाद श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में श्रीराम मंदिर के स्वर्णिम गर्भगृह में जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी तो संपूर्ण सनातन व मानव समाज अविस्मरणीय पल का साक्षी बनेगा। अयोध्या उत्सव का माहौल तो ऐसा है जैसे रामराज्य आ गया हो, प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में जाति-धर्म की दीवारें भी ढह चुकी हैं और हिंदू हो या मुसलमान, सिख हो या ईसाई सभी भारतीय धर्मावलंबी रामलला के राजशाही स्वागत की तैयारी में जोरशोर से जुटे हुए हैं।
जूना अखाड़ा से जुड़े महंत डा. योगानंद गिरि ने हिन्दुस्थान समाचार से खास बातचीत के दौरान कहा कि वर्तमान कालखंड में भारतवर्ष में पुनः रामराज्य के स्थापना की चर्चा जब तब होती रहती है, परंतु रामराज्य स्थापित करने के लिए हमें अपने आप को श्रीराम के आदर्शमय चरित्र में ढालना होगा। आपसी कटुता, वैमनस्यता को त्यागना होगा। आपसी प्रेम, सामंजस्य व विनम्रता के साथ अपने अलावा दूसरों के भले की भी सोच रखनी होगी। यह सकारात्मक सोच जब हम सब अपना लेंगे तो हमारे जीवन में रामराज्य अपने आप आ जाएगा और जीवन में रामराज्य आ गया तो समझो देश में भी रामराज्य की स्थापना हो जाएगी। सनातन धर्म-संस्कृति की रक्षा के लिए मर्यादा में रहना अति आवश्यक है।
आस्था के समुद्र में डूबा भारत देश उस दिन के इंतजार में अपनी पलकों को इस कदर बिछाए बैठा है जैसे सदियों से प्रभु श्रीराम का इंतजार करने वाली सबरी, जिन्होंने अपनी उम्र के अंतिम दौर में प्रभु श्रीराम के दर्शन कर मोक्ष प्राप्त किया था। ऐसा ही इंतजार देश के लाखों कारसेवक और करोड़ों रामभक्त भी कर रहे हैं, जिन्होंने शुरुआत से लेकर आजतक प्रभु को उनके घर पर आसीन करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। अब उनका इंतजार खत्म हो रहा है और मात्र चार दिन के बाद मर्यादा के शिरोमणि प्रभु श्रीराम अयोध्या में आ रहे हैं। आखों में आशा के दीप जलाए लाखों कारसेवक उनके स्वागत में अयोध्या को इस कदर सजाने में लगे हैं मानो उस दिन दीपावली का पर्व हो। उस दिन का यह नजारा आखिर देखने योग्य भी होने वाला है।
चार दिन और फिर प्रभु श्रीराम के दिव्य दर्शन का इंतजार खत्म
देश और दुनिया 22 जनवरी के दिन का इंतजार कर रही है। सोशल मीडिया से लेकर गली और नुक्कड़ों में केवल जय श्रीराम के नारे और उनसे जुड़ी कहानियां ही सुनाई दे रही हैं। पूरी दुनिया आस्था में सराबोर है। एक दिन जब माता सबरी का इंतजार खत्म हुआ था और प्रभु ने उनको दर्शन दिए थे तो आज पूरा विश्व उनके दर्शन के इंतजार में बैठा है। इतिहास में यह दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।