नई दिल्ली। लाल सागर में ड्रोन हमले के शिकार व्यापारी जहाज एमवी केम प्लूटो के मुंबई तट पर लौटने के बाद कई एजेंसियों ने एक साथ जांच शुरू की है। भारतीय तटरक्षक बल, भारतीय नौसेना, खुफिया एजेंसियों और अन्य संबंधित अधिकारियों की संयुक्त जांच में पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि जहाज पर हमला करने के लिए मिसाइल या ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। इसी के साथ भारतीय तटरक्षक बल ने लाल सागर से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों को सुरक्षा देने के लिए गश्त बढ़ा दी है।
भारतीय तटरक्षक जहाज आईसीजीएस विक्रम की निगरानी में हमले का शिकार लाइबेरियाई व्यापारी जहाज एमवी केम प्लूटो ने सोमवार को मुंबई से दूर आउटर एंकरेज में सुरक्षित रूप से लंगर डाला। लाइबेरियाई ध्वज वाले ऑयल टैंकर एमवी केम प्लूटो के साथ चालक दल के 21 भारतीय और 01 वियतनामी सदस्य को मुंबई लाया गया है। बेहद क्षतिग्रस्त हालत में पहुंचे इस जहाज के केमिकल को दूसरे जहाज पर स्थानांतरित किया गया है। भारत के पश्चिमी तट मुंबई बंदरगाह पर जहाज को लाने का मकसद हमले का पता लगाना है कि आखिर इस पर अटैक करने के लिए क्या तरीका इस्तेमाल किया गया है। भारतीय नौसेना की एक टीम हमले से हुए नुकसान का आकलन करने के साथ ही यह भी जांच कर रही है कि अरब सागर में हमला कैसे किया गया।
भारतीय तटरक्षक बल, भारतीय नौसेना, खुफिया एजेंसियों और अन्य संबंधित अधिकारियों ने संयुक्त जांच शुरू कर दी है। भारतीय तटरक्षक बल ने भी वहां से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है। भारतीय नौसेना ने व्यापारिक जहाज एमवी केम प्लूटो पर संदिग्ध ड्रोन हमले से हुए नुकसान की तस्वीरें जारी की हैं। क्षेत्र में भारतीय और अन्य व्यापारिक जहाजों को सुरक्षित रखने के लिए भारतीय नौसेना ने लाल सागर सहित अरब सागर की लंबी दूरी की गश्त के लिए पनडुब्बी युद्ध और निगरानी विमान पी8-आई तैनात कर दिए हैं, जो क्षेत्र में अपनी गश्त को और बढ़ाएंगे। इन विमानों को समुद्री डोमेन जागरुकता बनाए रखने का काम सौंपा गया है।
इसके अलावा भारतीय नौसेना ने भारत आने वाले मालवाहक जहाजों की सुरक्षा और लाल सागर के पास निवारक उपस्थिति बनाए रखने के लिए विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता को विभिन्न क्षेत्रों में तैनात किया है। भारतीय नौसेना की विस्फोटक आयुध निपटान टीम ने हमले के प्रकार और प्रकृति का प्रारंभिक आकलन करने के लिए जहाज का निरीक्षण किया। टीम ने एमवी केम प्लूटो को हुए नुकसान का प्रारंभिक आकलन किया है, जो ड्रोन हमले की ओर इशारा करता है। हालांकि, इसके बाद आगे फोरेंसिक और तकनीकी विश्लेषण की आवश्यकता होगी, ताकि हमले में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक के प्रकार और मात्रा का भी पता लगाया जा सके।
जहाज को विभिन्न निरीक्षणकर्ताओं की अनिवार्य जांच से गुजरना निर्धारित किया गया है, इसके बाद जहाज के क्षतिग्रस्त हिस्से की डॉकिंग और मरम्मत होने की संभावना है। इसी के बाद एमवी केम प्लूटो को उनकी कंपनी के हवाले किया जायेगा। फिलहाल पश्चिमी नौसेना कमान का समुद्री संचालन केंद्र तटरक्षक बल और सभी संबंधित एजेंसियों के साथ निकट समन्वय में स्थिति की सक्रिय रूप से निगरानी कर रहा है।
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