अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में राजस्थान सरकार को आवंटित की गई परसा कोल ब्लॉक के लिए की जा रही पेड़ों की कटाई को लेकर आज गुरुवार ग्रामीणों और पुलिस के बीच जमकर हिंसक झड़प हुई। लखनपुर पुलिस के अनुसार ग्रामीणों ने तीर और पत्थर से पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया, इसमें दाे टीआई सहित आठ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। उन्हें रोकने पुलिस द्वारा किये गए लाठी चार्ज में कई ग्रामीण घायल हुए हैं। मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समेत करीब 300 से ज्यादा पुलिस कर्मी तैनात किये गए हैं।
राजस्थान राज्य विद्युत् वितरण कम्पनी को आबंटित व अडानी कंपनी द्वारा संचालित परसा ईस्ट केते बासेन 2 कोल परियोजना के लिए पेड़ों के कटाई की अनुमति भारत सरकार द्वारा दी जा चुकी है।
उल्लेखनीय है कि सरगुजा जिले के हसदेव अरण्य की तीन खदानें परसा ईस्ट केते बासन, परसा और केते एक्सटेंशन राजस्थान सरकार को आवंटित की गई हैं। जिन्हें राजस्थान सरकार ने एमडीओ के तहत अडानी समूह को दिया गया है। इस खदान से निकलने वाले कोयले के एक बड़े हिस्से का उपयोग, अडानी समूह अपने बिजली संयंत्रों के लिए करता है।
परसा ईस्ट केते बासन के दो चरणों में खनन के अलावा अब परसा कोयला खदान में खनन के लिए पेड़ों की कटाई शुरु की गई है। परसा कोल ब्लॉक में ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए पुलिस की निगरानी में बल पर पेड़ों की कटाई हो रही है। सैंकड़ों ग्रामीण इसका विरोध कर रहे थे। इसी दौरान आज गुरुवार सुबह से पुलिस और ग्रामीणों के बीच जमकर संघर्ष हुआ। लखनपुर पुलिस ने जानकारी दी कि ग्रामीणों ने पुलिस वालों पर तीर-धनुष, गुलेल और पत्थरों से हमला कर दिया। हमले में टीआई, एसआई, प्रधान आरक्षक, कोटवार सहित 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए। घटना के बाद से परसा गांव में पुलिस सुरक्षा सख्त कर दी गई है।
वर्ष 2009 में कराई गई वृक्ष गणना के अनुसार 30 सेमी से अधिक परिधि वाले 2.47 लाख पेड़ परसा ईस्ट केते बासन में काटे जाएंगे। इसी तरह परसा में कुल 96 हज़ार पेड़ काटे जाएंगे।
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