हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग ने आज की तिथि तक पांच लाख से अधिक डिग्रियां, सर्टिफिकेट और अंकपत्र ऑनलाईन अपलोड कर डिजिटल कर दिया है. ऐसा कर इस विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की फेहरिस्त में एक और कड़ी जुड़ गई है.
केन्द्र तथा राज्य सरकार के आदेश के आलोक में अविलंब निर्णय लेते हुए उसे लागू कर दिए जाने से हजारों विद्यार्थियों के अलावा संस्थान तथा विभिन्न कंपनियों को भी लाभ मिल सकेगा. अब विश्वविद्यालय में दस्तावेज की जांच के लिए आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. इस प्रक्रिया को लागू कर दिए जाने से समय और पैसे की बचत होगी.
यह जानकारी देते हुए मंगलवार को कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से गठित कमेटी ने सफल निविदाकर्ताओं से वित्तीय वार्ता कर लगभग दो करोड़ से अधिक की राशि की बचत की की गई है, जो अपने आप में एक रिकार्ड है. यहां यह भी गौरतलब है कि एल वन कोटेशन की श्रेणी में आने वाली निविदा से भी वित्तीय वार्ता कर विश्वविद्यालय के फंड में वृद्धि की गई है. बचे हुए एनालॉग जिसे डिजिटलाइजेशन करना है, उसे भी पूरा कर लिया जाएगा. वहीं शेष डिग्रियां, जो 1992 से 2020 तक की हैं, उसे जल्द ऑनलाईन कर दिया जाएगा.
इस संबंध में कुलपति ने बताया कि पूरे राज्य में एक मात्र विनोबा भावे विश्वविद्यालय को यह गौरव प्राप्त हुआ है, जहां इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.
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