रामानुजगंज, अनिल गुप्ता: किसी के प्रयास से किसी मनुष्य या पशु की जान बच जाए. इससे बड़ा पुण्य भला क्या हो सकता है. किसी ने सही कहा है कि, मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है. इस संबंध में ग्रामीण सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वन अभ्यारण सेमर सोत से लगे हुए एक गांव में हिरण प्रजाति का सांभर का छोटा बच्चा पानी की तलाश में भटकता हुआ कुएं में जा गिरा. जब ग्रामीणों की नजर पड़ी तो तत्काल वन विभाग के लोगों को इसकी सूचना दी. सूचना पाते ही वनकर्मी उस गांव में पहुंच गए और जिस कुएं में सांभर का बच्चा गिरा था. उसे तत्काल निकालकर रेस्क्यू किया गया और उसका उपचार कराया गया. जिसके बाद वन प्राणी को सुरक्षित रखा गया है ताकि स्वस्थ होने पर उसे जंगल में छोड़ा जा सकें.
कर्तव्य और निष्ठा के विशाल बने अधिकारी
सबसे बड़ी बात तो यह है कि वन विभाग को सूचना मिलते ही तत्काल वन कर्मी मौके पर अपने अधिकारियों के साथ पहुंचे और सांभर की जान बचाने में कामयाब भी रहें. अधिकारियों की उदारता भी कुछ कम नहीं इस मामले में जब बलरामपुर डीएफओ विवेक झा से जब हमारे अधिकारी ने वार्ता कर उन्हें बधाई दी तो उन्होंने कहा कि बधाई का पात्र मैं नहीं हूं, वह मेरा क्षेत्र नहीं है. बधाई के पात्र अंबिकापुर के डीएफओ साहब है. कृपया यह बधाई उन्हें दे. इसी मामले में जब हमारे प्रतिनिधि ने अंबिकापुर के डीएफओ पंकज कमल से बात की तो उन्होंने कहा कि यह बधाई के जो पात्र है वह है विभाग का एलीफेंट सुरक्षा दल के लोग. कृपया यह बधाई उन्हें दे. इस सारे मामले को देखकर लगता है कि वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कर्तव्य और निष्ठा की मिसाल पेस कर रहे हैं.
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