रामानुजगंज अनिल गुप्ता। विधानसभा चुनाव नजदीक है। इसको लेकर सभी नेता चुनावी दंगल में कूद पड़े है। हर छोटे छोटे मुद्दों को उठाने पर जोर लगाया जा रहा है। राजनीतिक नेता शतरंज की बिसात पर अपनी अपनी चाल चलने लगे है। चाहे मुद्दा सही हो या गलत इससे उनको कोई लेना देना नहीं हमें तो राजनीति करनी है बस मुद्दा होना चाहिए।
दरअसल नगर के बीचों बीच गांधी मैदान है। जहां पर हर रविवार और गुरुवार को सब्जी बाजार लगता है। कल भी बाजार आम दिनों की तरह लगा। इसी मैदान में आज यानी सोमवार को संस्कार भारती की ओर से महाभारत धारावाहिक में कृष्ण का किरदार निभाने वाले नितीश भारद्वाज का आगमन है। इसको लेकर मैदान में टेंट की सामान रखी गई है। और यह सुरक्षित रहे इसके लिए गेट पर ताला भी लगा दिया गया था।
आज सुबह अजय प्रजापति गांधी मैदान का ताला खोलने पहुंचे तब कुछ नेताओं ने अपने लाभ के लिए राजनीति करने की सोची। मामला कुछ भी हो बस राजनीति होनी चाहिए। मीडिया में नाम आएगा तभी तो मशहूर होंगे। शायद यहीं सोचकर ताला खोलते हुए फोटो को वायरल किया गया होगा।
मामला अगर मैदान का उठाया जाना ही चाहिए था, तो खेल के मैदान की कमी का भी उठाना था। आपको बताते चलें कि पूरे नगर में सिर्फ दो ही मैदान है। इसमें बच्चों को काफी दिक्कत भी होती है। लेकिन इस मुद्दे के बजाय बेफिजूल के मुद्दों को उठाने में नेता अग्रसर है।
इस संबंध में रामानुजगंज के अनुविभागीय अधिकारी गौतम सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि रामानुजगंज गांधी मैदान में होने वाले कार्यक्रम से सब्जी विक्रेताओं को कोई परेशानी ना हो इसके लिए नगर पंचायत को पूर्व में ही बता दिया गया था। उन्होंने आगे कहा कि पता नहीं क्या हुआ लेकिन किसानों को या सब्जी विक्रेताओं को कोई परेशानी नहीं हुई और न ही किसी सब्जी विक्रेता ने इसकी कोई शिकायत की थी। हां एक दो स्थानीय लोगों का फोन जरूर आया था परंतु इस संबंध में पहले से ही नगर पंचायत को ताला खोलने के लिए अवगत करा दिया गया था।
अब सवाल यह उठता है कि राजनीति के बिसात पर सब्जी विक्रेताओं का नाम लेकर आखिरकार राजनीति करना कहां तक उचित प्रतीत होता है। इसका निर्णय जनता कर सकती है।अगर राजनीति हो रही है तो, खेल के मैदान को लेकर किया जाना चाहिए, बच्चों के लिए खेल मैदान की कमी है। लेकिन राजनीतिक दल इस मामले में चुप्पी साध लेते है।
इस संबंध में जब गांधी मैदान का ताला खोलने वाले व्यक्ति से बातचीत की गई तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मुझे तो पता ही नहीं चला कौन फोटो खींच रहा है और किस लिए खींच रहा है पर दोपहर बाद यह बात समझ में आई कि मुद्दा क्या है। थोक सब्जी बाजार तो सब्जी मंडी बाजार में ही लगता है और सुबह के लगभग 9:00 बजे तक वहीं बाजार चालू रहता है परंतु बगैर सर पैर के इस तरह की बातें करना और जनता को भ्रमित करना कहां तक उचित है इसका निर्णय तो खुद ही जनता को करना होगा।